साहित्य

उन्हें लगता है मेरी सांस थम गई, लेकिन मेरे सीने में तनिक जान अभी बाक़ी है..,लखनवी शेखर जैसे कवियों ने बंधा शमा

वात्सल्य क्रिएशन संस्था के द्वारा रविवार को श्री जय नारायण पीजी कॉलेज (केकेसी) के परिसर में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया।,कार्यक्रम की शुरुआत डॉ बलवंत सिंह जी ,अभिषेक सहज जी ,लखनवी शेखर जी एवम संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधांशु वात्सल्य ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया,35 कवियो ने काव्यपाठ कर सम्मा बंधा वही कार्यक्रम का संचालन संस्था के उपाध्यक्ष प्रियांशु वात्सल्य द्वारा किया गया

इस मौके में लखनवी शेखर ने पढ़ा – उन्हें लगता है मेरी सांस थम गई, लेकिन
मेरे सीने में तनिक जान अभी बाक़ी है,वही डॉ बलवंत सिंह जी पढ़ा – हम हक़ीक़त को ख्वाब लिख दें क्या।
चाँद को आफताब लिख दें क्या।

 

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.एस.डी शर्मा को सहित्य उत्प्रेरक सम्मान से विभूषित किया गया ,
कार्यक्रम का समापन श्री जय नारायण पीजी कॉलेज (केकेसी) महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.एस.डी शर्मा ने किया और उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज मे सहित्य को बढ़ावा देने का कार्य करते है इस अवसर पर शिवम मोर्या, मृत्युंजय बाजपेयी , मनीष विश्वकर्मा ,डॉ शशांक, सत्यम त्रिपाठी ,अमित आभास ,योगराज जल , विवेक दीक्षित,राकेश राघव,प्रियंका वर्मा, अनन्या, आयुसी, नीरज सिंह,सुलेखा ,शिखा त्रिवेदी समेत कइयों ने काव्य पाठ कर माहोल बंधा।

 

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