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दांडी मार्च की वर्षगांठ पर बोले पिएं मोदी, कांग्रेस को भंग करना चाहते थे महात्मा गांधी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दांडी मार्च की वर्षगांठ पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी गांधीवादी विचारधारा के एकदम विपरीत है। पीएम ने मंगलवार को दांडी मार्च के 89 साल पूरे होने के अवसर पर ‘जब एक मुट्ठी नमक ने अंग्रेजी साम्राज्य को हिला कर रख दिया’ शीर्षक से ब्लॉग लिखा। पीएम ने इसके जरिये देश को बताया कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता के तत्काल बाद ही कांग्रेस को भंग करना चाहते थे। उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति  कांग्रेस की कभी आस्था नहीं रही है। गांधी जी कांग्रेस की संस्कृति को अच्छी तरह समझ चुके थे, इसलिए कांग्रेस को भंग करना चाहते थे, विशेषकर 1947 के बाद। 

 पीएम ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें सबसे गरीब व्यक्ति की दुर्दशा के बारे में सोचना सिखाया और हमने देखा व सोचा कि हमारा काम उस व्यक्ति को कैसे प्रभावित करता है। मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस होता है कि अपनी सरकार के कार्यों में हमने इस बात का ध्यान रखा कि गरीबों के लिए काम करें और उनके जीवन में समृद्धि लाएं। दुख की बात है कि कांग्रेस की विचारधारा गांधीवादी सिद्धांतों के खिलाफ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी असमानता और जातिगत विभाजन में विश्वास नहीं करते थे, लेकिन कांग्रेस को समाज को बांटने में कभी संकोच नहीं हुआ। सबसे खराब जातिगत दंगे और दलित विरोधी नरसंहार कांग्रेस के शासन में हुए।

कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय 

मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अपने बैंक खातों को भरने का काम किया है। देश ने देखा कि कैसे कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक-दूसरे के पर्याय बन गए। ऐसे किसी भी क्षेत्र का नाम बताएं जहां कांग्रेस ने घोटाला नहीं किया हो। रक्षा, टेलीकॉम, सिंचाई, खेल आयोजन, ग्रामीण विकास, कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रहा। मोदी ने कहा कि जहां बापू ने वंशवादी राजनीतिक का तिरस्कार किया, वहीं कांग्रेस के लिए यह सत्ता तक पहुंचने का रास्ता है। गांधी का मानना था कि लोकतंत्र कमजोर लोगों को भी उतना ही मौका देता है, लेकिन कांग्रेस ने देश को आपातकाल दिया। 

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