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आइये आज जाने फल के छिलकों के कई गुण व फायदे

आमतौर पर जब हम कोई फल और सब्जियां काटते हैं तो उसका छिलका कचरे में फेंक देते हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि फलों के इन छिलकों में कितने न्‍यूट्रिशनल गुण होते हैं?

जी हां, शोधों में यह पता चला है कि गहरे रंग के इन छिलकों में दरअसल भरपूर गुण होते हैं. इनमें भरपूर मात्रा में कॉनसंट्रेटेड फाइटोकैल्शियम होता है जो फलों और सब्जियों का सबसे कलरफुल हिस्‍सा होता है.

हाल ही में किए गए एक शोध में पाया गया है कि संतरे-मौसमी जैसे खट्टे फलों के छिलके में सुपर-फ्लैवोनॉयड मौजूद होते हैं. यह बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में तो मदद करता है और ब्लड फ्लो के दौरान धमनियों पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ने देता. यह हार्ट को भी सेफ रखने में सहायक हैं.

सेब के छिलके में भरपूर फाइबर होता है. जो डाइजेशन को ठीक रखता है. सेब के छिलके में पेक्टिन नाम का फाइबर होता है जो ब्‍लड कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में सहायक है और ब्‍लड शुगर को कंट्रोल करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट गुण कैंसर सेल्‍स को कंट्रोल करता है.

आलू के छिलके में फाइबर के साथ साथ भरपूर मात्रा में जिंक, विटामिन सी, आयरन, पोटैशियम, विटामिन बी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट गुण भी होते हैं.

इसलिए जहां तक हो सके आलू को बिना छिले ही खाना सेहत के लिए अच्‍छा होता है. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी आलू के छिलके बहुत मदद करते हैं. इससे डाइजेशन तो सही रहता ही है यह स्किन को भी हेल्‍दी बनाता है.

केले के छिलके के सेवन से सेरोटोनिन नाम का हार्मोन रिलीज होता है जिसे फीलगुड हार्मोन भी कहते हैं. यह बेचैनी या उदासी के भाव को कम करता है और आपको खुश रख सकता है.

इसमें ल्यूटिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो आंखों के सेल्स को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है और मोतियाबिंद के खतरे को भी कम करता है. इसे आप पानी में उबाल कर पी सकते हैं या सब्‍जी के रूप में खा सकते हैं.

संतरे और मौसंबी के छिलके में सुपर-फ्लैवोनॉयड मौजूद होते हैं. यह बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में तो मदद करता है और ब्लड फ्लो के दौरान धमनियों पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ने देता. यह हार्ट को भी सेफ रखने में सहायक हैं.

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