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उत्तर प्रदेश ATS ने किया वीमेन ट्रैफिकिंग के इंटरनेशनल गिरोह का पर्दाफाश

यूपी एटीएस ने वीमेन ट्रैफिकिंग के इंटरनेशनल गिरोह का खुलासा किया है. एटीएस ने बांग्लादेशी नागरिक नूर मोहम्मद और दो रोहिंग्या मुस्लिम रहमतुल्लाह और शबीउल्लाह को गाज़ियाबाद स्टेशन से गिरफ्तार किया है.

आरोपियों के कब्ज़े से दो नाबालिग रोहिंग्या लड़कियां और एक नाबालिग रोहिंग्या लड़के को भी छुड़ाया गया है. बताया जाता है कि इन्हें बेचने के लिए नई दिल्ली ले जाया जा रहा था. सूत्रों की मानें तो एक रोहिंग्‍या युवती की कीमत 25 हजार रुपये लगाई जाती थी.

एडीजी (कानून-व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार ने बताया कि वीमेन ट्रैफिकिंग में शामिल ये एक इंटरनेशनल गिरोह है. म्यांमार और बांग्लादेश से महिलाओं, युवतियों और बच्चों को यह गिरोह लाता था

और एनसीआर समेत कई इलाकों में इन्हें बेचा जाता था. सूत्रों के मुताबिक एक नाबालिग रोहिंग्या लड़की 25 हजार रुपये में बिकती है. अब यूपी एटीएस गिरोह से जुड़े उन लोगों को तलाश रही है जो इन लड़कियों को खरीदते हैं.

एडीजी ने बताया कि गिरोह का सरगना नूर मोहम्मद रोहिंग्या को बांग्लादेश से अवैध रूप से त्रिपुरा लाता था, जहां से इन्हें भारत के अलग-अलग हिस्सों में बेचा जाता था.

नूर मोहम्मद ही कुछ भारतीय लोगों के साथ मिलकर अवैध रोहिंग्या मुस्लिम लोगों की भारतीय आईडी भी बनवाता था. जिन रोहिंग्या युवतियों का पासपोर्ट बनवाने में यह गिरोह सफल हो जाता था, उन्हें मलेशिया और बैंकॉक भी भेजा जाता था.

युवतियों और बच्‍चों की तस्‍करी करने वाले गिरोह का खुलासा होने से एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. एडीजी ने बताया कि इन लड़कियों का हर तरह से शोषण किया जाता था.

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से गिरफ्तारी के समय भी इन लड़कियों को शादी और बेहतर ज़िंदगी के नाम पर नई दिल्ली ले जाया जा रहा था, जहां से इनको बेचने की पूरी तैयारी कर ली गई थी.

एडीजी प्रशांत कुमार इस पूरे गिरोह को बड़ी साज़िश का हिस्सा भी मानते हैं. लिहाज़ा यूपी एटीएस ने अवैध रोहिंग्या मुस्लिम के खिलाफ अभियान चला रखा है. बीते कुछ महीनों में यूपी एटीएस ने 18 अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है.

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