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कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए मेडिकल कॉलेजों में तैयार होंगे 6700 पीकू बेड

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की प्रदेश सरकार की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है. विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को बच्‍चों के लिए खतरनाक बता रहे हैं. ऐसे में बच्‍चों को बेहतर इलाज देने के लिए सरकार हर

जिले में स्थित मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट पीकू व न्‍यूमेटिक इंसेंटिव केयर यूनिट नीकू तैयार करा रही है. 15 अगस्‍त तक प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 6700 पीकू/नीकू बेड तैयार हो जाएंगे जबकि 6500 बेड तैयार किए जा चुके हैं। इसके अलावा सर्विलांस टीम को और मजबूत करने का काम किया जा रहा है.

प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिये बच्चों के लिये खास तरह के पीडियॉट्रिक आईसीयू तैयार करा रही हैं. इनमें बच्चों के लिये बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई गई है.

सभी बेडों पर वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अभी तक 6500 पीकू बैड तैयार हो चुके हैं. 15 अगस्‍त तक 6700 बेड तैयार हो जाएंगे.

अस्‍पतालों में बच्चों के लिये बनाए जा रहे वार्डों में घर जैसा माहौल देने के लिये अंदर की दीवारों पर कार्टून करेक्टर बनाए जा रहे हैं. बच्चों के लिये खिलौने, ड्राइंग बुक्स आदि की व्यवस्था की गई है.

प्रदेश सरकार 72 हजार से अधिक निगरानी समितियों के माध्‍यम से 18 साल से कम उम्र तक के किशोरों को दवा किट का वितरण कर रही है. सरकार की ओर से अब तक 35 लाख दवा किटों का वितरण किया जा चुका है.

यह दवा किट निगरानी समितियों के माध्यम से 18 साल से कम उम्र के कोरोना लक्षण युक्त बच्चों को दी जा रही है । दवा के लिए चार वर्गो में (0-1 वर्ष, 1-5 वर्ष, 5-12 वर्ष तथा 12-18 वर्ष ) में बांट कर किट तैयार की गई है।

0 से एक साल तक के बच्चों के लिए पैरासिटामॉल ड्राप, मल्टी विटामिन ड्राप और ओआरएस का पैकेट, एक से पांच वर्ष वाले बच्चे की किट में पैरासिटामॉल सीरप, मल्टी विटामिन सीरप और ओआरएस पैकेट रहेगा.

पांच से 12 साल की उम्र वालों के लिए पैरासिटामॉल, मल्टी विटामिन टैबलेट ओआरएस पैकेट के साथ आइवरमेक्टिन छह मिलाग्राम भी दी जाएगी। इसे तीन दिन लेना होगा.

प्रदेश सरकार की ओर से डाक्‍टरों व पैरामेडिकल स्‍टॉफ को कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. सरकार अब तक 4600 डाक्‍टरों को विशेष ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में तैनात 8653 पैरा मेडिकल स्‍टॉफ इसमें वार्ड ब्‍वॉय, नर्स, तकनीशियन आदि की स्किल डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश में तीसरी लहर को देखते हुए 548 आक्‍सीजन प्‍लांट भी बनवाए जा रहे हैं. इसमें से 239 आक्सीजन प्‍लांट चालू भी हो चुके हैं.

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