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पाकिस्तान में चुनाव लड़ने के लिए हाफिज सईद की पार्टी ने खेला ये दांव

 हाफिज सईद से संबंद्ध मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) ने आगामी आमचुनाव में एक ऐसी पार्टी के नाम का इस्तेमाल करने का फैसला किया है जिसे बहुत अधिक पहचान नहीं मिली है. यह निर्णय एमएमएल को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने के आवेदन को दूसरी बार खारिज करने के पाकिस्तान के चुनाव आयोग के फैसले के बाद लिया गया है.

एमएमएल मुंबई हमले के मास्टरमाइंड सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का सहयोगी संगठन है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में एमएमल के समर्थित करीब 200 प्रत्याशी अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) पार्टी के तहत मै दान में होंगे. एएटी पहले से ही पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) में पंजीकृत है.

ईसीपी ने बुधवार (13 जून) को एक बार फिर पंजीकरण के लिए एमएमएल के आवेदन को ठुकरा दिया था. एमएमएल ने घोषणा की है कि चुनाव से पहले अगर शीर्ष न्यायालयों का निर्णय उनके पक्ष में नहीं आता है तो पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवार एएटी के मंच से चुनाव में भाग लेंगे. ईसीपी की सूची में मान्यता प्राप्त दलों में एएटी 10 वें नंबर पर है.

एएटी कम पहचान पाने वाली पार्टी है जिसके अध्यक्ष बहावलपुर के मियां इहसान बारी हैं. ईसीपी ने उसे ‘कुर्सी’ चुनाव चिह्न आवंटित किया है. ईसीपी की चार सदस्यीय खंडपीठ ने गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के आधार पर एमएमएल के आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पार्टी जेयूडी प्रमुख सईद की विचारधारा का पालन करती है.

इससे पहले 25 जुलाई को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों में अपनी दावेदारी पेश करने वाली, मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को पाकिस्तान चुनाव आयोग ने करार झटका दिया था. पाकिस्तान चुनाव आयोग की एक चार सदस्यीय टीम ने मिल्ली मुस्लिम लीग को राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत करने की अर्जी को खारिज कर दिया था. 

चुनाव आयोग के चार सदस्यीय पैनल ने गृह मंत्रालय की टिप्पणियों के मद्देनजर यह फैसला सुनाते हुए कहा था कि एमएमएल, लश्कर-ए-तैयबा और आतंकी हाफिज सईद की विचारधारा का पालन करता है, इसलिए इसे प्रमाणिकता नहीं दी जा सकती है. वहीं, गृह मंत्रालय ने कहा है कि एमएमएल देश में प्रतिबंधित जेयूडी की ही एक शाखा है, जिसे मंजूरी नहीं दी जा सकती है

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