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केजरीवाल की बड़ी चेतावनी: पीएम दो दिन में खत्म कराएं हड़ताल नहीं तो घर-घर पहुंचेगा आंदोलन

उपराज्यपाल आवास में धरने के पांचवें दिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम को पत्र भेजकर दो दिन दिन में अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने शुक्रवार को लिखा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह आंदोलन को घर-घर लेकर जाएंगे। दिल्ली के 10 लाख लोगों से पत्र पर हस्ताक्षर कराकर पीएम आवास कूच करेंगे।

उप-राज्यपाल आवास में अनशन के तीसरे दिन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चेतावनी दी है कि अगर उनका अनशन जबरन तुड़वाया गया तो वह पानी भी छोड़ देंगे। डॉक्टरों ने सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उनकी हालत में गिरावट आई है।

दिल्ली सचिवालय में धरने पर बैठे भाजपा नेताओं ने भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। केंद्रीय राज्यमंत्री विजय गोयल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने का अनुरोध किया है। दिल्ली हाई कोर्ट में सीएम के धरने और आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी।

दिल्लीवासियों से 10 लाख पत्र लिखवाकर प्रधानमंत्री को भेजे जाएंगे

इससे पहले बृहस्पतिवार को अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि अधिकारियों की हड़ताल तुड़वाने में नाकाम रहने पर उन्हें उपराज्यपाल से कोई उम्मीद नहीं है। शुक्रवार को लिखे पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह मांगें पूरी करने के लिए मामले में दखल दें। शुक्रवार को भी उन्होंने एक वीडियो मेसेज जारी किया।
अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, हमने फैसला किया कि राजनिवास में रुककर समस्या के समाधान का इंतजार किया जाए, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पांच दिन बाद भी कुछ नहीं हुआ है। यहां तक कि उपराज्यपाल मुलाकात को भी तैयार नहीं हैं, जबकि मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को मिलने का वक्त मांगा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को पार्टी कार्यकर्ता व नेता प्रधानमंत्री के घर जाएंगे। उनसे अपील की जाएगी कि दिल्लीवालों को उनका हक दें। अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराई जाए। इससे दिल्ली में रुके विकास के काम पूरे हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को चेतावनी दी कि इसके बाद भी उन्होंने मामले में दखल नहीं दिया तो आंदोलन को दिल्ली के हर घर तक पहुंचाया जाएगा। जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के शासन में आप ने बिजली बिलों पर आंदोलन छेड़ा था, ठीक उसी तरह इस बार भी लोगों को समझाया जाएगा। बताया जाएगा कि अधिकारियों के बैठकों में न आने से किस तरह काम प्रभावित हो रहा है। कम से कम 10 लाख परिवारों से पूर्ण राज्य के मसौदे पर दस्तखत कराए जाएंगे। इसे प्रधानमंत्री को सौंपने के लिए पार्टी प्रधानमंत्री आवास की तरफ फिर कूच करेगी।

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