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बिहार: मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा-जनता दरबार लगा सुनें समस्याएं

राज्य सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को तेजी और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सरकार सख्त हो गई है। प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने भारतीय प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारियों के साथ ही राज्य सेवा के अधिकारियों को कई टास्क सौंपे हैं। 

मुख्यसचिव ने सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आइजी, डीआइजी, डीएम, एसएसपी को जारी निर्देश में कहा है कि मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक सोमवार, मंगलवार तथा शुक्रवार को अधिकारी मुख्यालय में उपस्थित रहेंगे और सरकारी कार्यों का निष्पादन करेंगे।

शुक्रवार को अधिकारी आम जनता से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का निपटारा करेंगे। मुख्यालय स्तर पर वीडियो कांफ्रेंस इन तीन दिनों के दौरान ही की जाएगी। 

सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार को छोड़ शेष दिनों में प्रधान सचिव और सचिव स्तर के अफसर क्षेत्र भ्रमण करेंगे और विभागीय कार्यों का निरीक्षण और उनकी समीक्षा करेंगे। प्रमंडल, जिला, अनुमंडल, प्रखंड के साथ ही थाना स्तर के पदाधिकारियों के लिए भी यही व्यवस्था रहेगी। शुक्रवार के दिन प्रमंडल से थाना तक के अधिकारी आम लोगों से मुलाकात के लिए अपने कार्यालय में मौजूद रहे।

अधिकारियों को हिदायत दी है कि निर्धारित कार्यों को वे ईमानदारी पूर्वक करें। सरकार मॉनीटरिंग करेगी कि जो टास्क अधिकारियों को दिए गए वह हो रहे हैं अथवा नहीं। अफसरों की टूर डायरी की मॉनीटरिंग इसी कड़ी में होगी। 

मुख्यसचिव ने निर्देश में स्पष्ट किया है कि काम की यह व्यवस्था यूं तो निरंतर जारी रहेगी, लेकिन यदि उच्च स्तर पर कोई निर्देश होता है या फिर विधि व्यवस्था की कोई प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न होती है तो आदेश में कुछ हद तक संशोधन किया जा सकता है। 

दीपक कुमार ने प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, एसएसपी और एसपी से कहा है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह अधिकारी अनुसूचित जाति, जनजाति के टोलों का भ्रमण अवश्य करें। इन टोलों बस्तियों में विकास कार्य सही प्रकार से संपादित किए जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना इन अफसरों का दायित्व होगा। उन्होंने पत्र में कहा है कि आदेश का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। 

डीएम, एसएसपी, एसपी स्टेक होल्डर्स संग करेंगे नियमित बैठक

मुख्यसचिव दीपक कुमार ने जिलाधिकारियों, वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि वे स्टेक होल्डर्स के साथ नियमित बैठक करें। इन स्टेक होल्डर्स में हाई स्कूल, कॉलेज के प्राचार्य, छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधि, खिलाडिय़ों और सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े लोग, नगर वार्ड आयुक्त, पंचायती राज के प्रतिनिधि, विकास, चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी, किसानों के समूह और चिकित्सकों के समूह होंगे। बैठक  में अधिकारी उनकी समस्याएं सुनने के साथ ही उनसे सुझाव भी ले सकेंगे। 

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