मध्य प्रदेश

विधानसभा का टिकट देने से पहले कांग्रेस ने रखी शर्त, बगावत का सता रहा डर

कांग्रेस से टिकट लेने के लिए 100 रुपए के स्टांप पर लिखकर देना होगा कि पार्टी से बगावत नहीं करेंगे। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट चाहने वालों पर ये नई शर्त लगा दी है। यह फैसला आगामी चुनाव में पार्टी में भितरघात की संभावनाएं बढ़ने की वजह से लिया है। इससे पहले भी प्रदेश कांग्रेस ने आवेदन के साथ 50 हजार रुपए पार्टी फंड में जमा कराने का निर्णय लिया था, जिससे विवाद की स्थिति बन गई थी। बता दें कि इस फैसले से बाद में पार्टी को बैकफुट पर जाकर अपने फैसले को वापस लेना पड़ा था।

अब चुनाव लड़ने के लिए जोर आजमाइश कर रहे नेताओं से 100 रुपए के स्टांप पर लिखकर मांगा गया है कि ‘मैं शपथ पूर्वक वचन देता हूं कि कांग्रेस पार्टी द्वारा मेरे विधानसभा क्षेत्र में जिस किसी को भी पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाया जाएगा, उसके पक्ष में पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से काम करूंगा। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध न तो निर्दलीय या अन्य दल से चुनाव लड़ूंगा और न ही पार्टी विरोधी कार्य करूंगा।’ शनिवार को ऐसे ही शपथ पत्र के साथ टिकट की उम्मीद लगाए कार्यकर्ता स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री से मिले।

तीन हजार के पार हुई आवेदनों की संख्या

इधर, चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की संख्या तीन हजार पार कर गई है। आवेदनों की जांच के बाद यह बात सामने आई है कि औसतन एक सीट से 12 से 13 उम्मीदवार टिकट मांग रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए एआईसीसी ने प्रत्येक सीट से पैनल तैयार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में 25 सदस्यों की एक समिति गठित की है, जो एक लाइन में प्रस्ताव पारित कर चुकी है कि टिकट संबंधी फैसला स्क्रीनिंग कमेटी ही ले।

विवाद बढ़ने पर मिस्त्री को संभालना पड़ा मोर्चा

पीसीसी में शनिवार को मिस्त्री से टिकट पाने की चाह में 350 से ज्यादा लोग पहुंच गए, मुलाकात न होने पर उन्होंने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय प्रभारी राजीव सिंह सिर्फ परिचितों की ही पर्ची भेजकर उनकी कमेटी के सदस्यों से मुलाकात करवा रहे हैं। अप्रिय स्थिति बनते देख मिस्त्री को स्वयं मोर्चा संभालना पड़ा वे गोलमेज हॉल से उठकर अध्यक्ष के कक्ष में आ गए और सभी को मिलने के लिए भेजे जाने का निर्देश दिए। उन्होंने टिकट चाहने वालों की संख्या ज्यादा होने के कारण उनसे सिर्फ आवेदन ही लिए और उचित कार्रवाई करने की बात कहकर रवाना कर दिया।

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