दिल्ली एनसीआर

छेड़छाड़ मामले में अकेले पड़े एडीएम, कर्नल के बचाव में उतरे सैन्य अधिकारी मिली जमानत

एडीएम और उनकी पत्नी द्वारा मारपीट कर फर्जी मामले में गिरफ्तार कराए गए रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान को एससीएसटी स्पेशल कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। कोर्ट का आदेश होने के बाद सोमवार को ही वह गौतमबुद्धनगर की लुकसर जेल से रिहा हो गए। जेल से निकलते ही सेना के उनके मित्रों व अन्य अधिकारियों ने उनका फूल मालाओं से वार हीरो की तरह स्वागत किया। इतना ही नहीं इंसाफ की इस जंग में पहली जीत मिलने पर सेना के अधिकारियों ने उनके स्वागत के लिए एक पार्टी भी रखी। इस पार्टी में कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान और उनका परिवार शामिल हुआ।

इससे पहले कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज पेश की। पुलिस जांच में एडीएम और उनकी पत्नी के पक्ष में कोई स्वतंत्र गवाह नहीं मिला। वहीं रिटायर्ड कर्नल के पक्ष में तीन रिटायर्ड वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने स्वतंत्र गवाह के तौर पर बयान दिए। यही उनकी जमानत अर्जी मंजूर होने का कारण बना। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि वीएस चौहान सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं। उन्होंने देश के लिए कई लड़ाइयां लड़ी हैं। वह एक सम्मानित सीनियर सिटीजन हैं। उनका परिवार विदेश में रहता है।

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