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डोकलाम विवाद: पहली बार मिले भारत-चीन के रक्षा मंत्री, सीमा विवाद निपटारे पर फिर साथ बैठेंगे

भारत और चीन दशकों पुराने सीमा विवाद के निपटारे केलिए रक्षा मंत्रियों की अगुवाई में एक और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता केलिए सहमत हुए हैं। गुरुवार को दोनों देशो के रक्षा मंत्रियों वेई फेंग और निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में सीमा पर शांति बहाली से संबंधी कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने हॉट लाइन गठित करने की राह में आ रही तकनीकी दिक्कतों पर भी बातचीत की।

गौरतलब है कि बीते साल हुए दोकलम विवाद और इसी साल वुहान में पीएम नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई अनौपचारिक बैठक के बाद रक्षा मंत्रियों की पहली बैठक थी। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में सीमा विवाद से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई और दोनों देशों ने सीमा पर तनाव घटाने पर सहमति दी। इसी तरह की एक अन्य बैठक चीन में भी करने पर सहमति बनी। यह बैठक संभवत: अक्टूबर महीने में होगी।

बता दें कि मोदी-जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान हॉट लाइन गठित करने पर बात हुई थी। मगर इससे जुड़े तकनीकी पहलुओं और प्रोटोकॉल संबंधी विवाद के कारण हॉटलाइन गठित करने की प्रक्रिया बीच में ही रुक गई। बैठक में हॉटलाइन गठित करने के संबंध में आ रही दिक्कतों पर भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। इसी साल दोनों देशों का संयुक्त युद्धाभ्यास भी प्रस्तावित है। इस पर भी बैठक में विचार विमर्श हुआ। 

बीते साल दोकलम में चीनी सेना की घुसपैठ पर भारत की जवाबी कार्रवाई के कारण दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। इस विवाद पर चीन ने कई बार युद्ध की धमकी दी थी। हालांकि इसी दौरान वहां होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले अपने रुख में नरमी लाते हुए चीन ने अपनी सेना को वापस बुलाना शुरू किया।

इसी साल वुहान में मोदी-जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता में भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई। माना जा रहा है कि इसी अनौपचारिक बैठक में रक्षा मंत्रियों की बैठक बुला कर दोनों देशों के बीच दशकों से तनाव का कारण बने सीमा विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया तेज करने पर सहमति बनी। 

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