बिहार

बड़ा झटका : रांची HC ने खारिज की लालू की प्रोविजनल बेल, 30 अगस्त तक करना होगा सरेंडर

पटना । चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव की प्रोविजनल जमानत मामले में रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लालू को बड़ा झटका देते हुए रांची हाईकोर्ट ने उनकी औपबंधिक जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। लालू की प्रोविजनल बेल की अवधि 27 अगस्त को समाप्त हो रही है और अब उन्हें 30 अगस्त तक कोर्ट में सरेंडर करना होगा।

लालू की औपबंधिक जमानत रद होने के बाद उनके वकील प्रभात कुमार ने कहा कि लालू का इलाज मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में चल रहा है और अब उन्हें इलाज के लिए रांची के राजेंद्र इस्टीट्यूट अॉफ मेडिकल साइंसेज, रिम्स लाया जाएगा। अब वहीं उनका इलाज होगा। 

कोर्ट ने औपबंधिक जमानत अवधि 27 अगस्त तक बढ़ा दी थी

इससे पहले रांची हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की प्रोविजनल बेल (औपबंधिक जमानत) की अवधि 27 अगस्त तक बढ़ा दी थी। लालू यादव की प्रोविजनल बेल 20 अगस्त को समाप्त हो रही थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तिथि 24 अगस्त को निर्धारित की थी।

सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से 20 अगस्त को बेल की अवधि समाप्त होने की बात कहते हुए इसे बढ़ाने की मांग की गई। कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता को कोर्ट में बुलाया और लालू प्रसाद की प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी।

कोर्ट ने जताई थी आपत्ति, इलाज के लिए मिली जमानत घर में क्यों हैं लालू

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अस्पताल से घर जाने पर झारखंड हाई कोर्ट ने तल्खी दिखाते हुए इस पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें इलाज के लिए औपबंधिक जमानत मिली है, ऐसे में वे घर कैसे जा सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट व डिस्चार्ज समरी की जांच कर अपना जवाब दाखिल करें। 

लालू के वकील ने मांगा था तीन महीने का समय 

लालू के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुंबई स्थित एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू प्रसाद 6 अगस्त को भर्ती हुए हैं। उनका फिश्चूला (मलद्वार में घाव) का ऑपरेशन हुआ है। जिसकी रिकवरी में समय लगेगा। उन्हें यूरिनल, ब्लड प्रेशर व शुगर सहित अन्य बीमारियां हैं। उनका शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा है, इसलिए उन्हें प्रतिदिन 70 इंसुलिन लेनी पड़ रही है। इसके बाद भी शुगर का लेवल 350 हो जा रहा है।

लालू प्रसाद को क्रोनिक किडनी की बीमारी है, जिसका ऑपरेशन किया जाना है। इसलिए उनकी औपबंधिक जमानत की अवधि तीन माह तक बढ़ा दी जाए। जिसके बाद कोर्ट ने 20 अगस्त तक औपबंधिक जमानत की अवधि बढ़ा दी थी।

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