जम्मू कश्मीर

कश्मीरी युवाओं को लुभा रहा ये आतंकी संगठन, इस साल 131 युवा हुए शामिल

कश्मीर में स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में बढ़ रही भर्ती रोकने के दावे नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस साल अब तक 131 युवक विभिन्न आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। 2010 के बाद आतंकी बनने वाले स्थानीय युवकों की यह सबसे ज्यादा संख्या है।

कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा बताने पर सिर कलम कर देने की धमकी दी है। कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों का मानना है कि ‘शरीयत या शहादत’ के मूसा के नारे ने पाकिस्तान के समर्थन वाले वषरें पुराने नारे की जगह ले ली है। उसने इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद 24 वर्षीय युवक ने युवाओं को आकर्षित किया है। वानी 2016 में मारा गया था। मूसा मुख्य तौर पर अपने संगठन के लिए भर्ती पर फोकस कर रहा है। नौजवानों को हथियार उठाने के लिए उकसा रहा है।

पुलिस के अनुसार भले ही अंसार गजवत-उल- हिंद का घाटी में बहुत आधार नहीं हो, लेकिन गांव और कस्बे में उसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। वहीं राज्य विधानसभा और संसद में पेश हालिया आंकड़ों के मुताबिक 2010 से 2013 की तुलना में 2014 के बाद घाटी में हथियार उठाने वाले नौजवानों की संख्या बढ़ती गई। 2010 से 2013 तक यह आंकड़ा क्रमश : 54, 23, 21 और छह था। 2014 में यह संख्या बढ़कर 53 हो गई। 2015 में 66 तथा 2016 में यह 88 तक चली गई।

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