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तीन अक्‍टूबर को देश के अगले CJI के तौर पर शपथ लेंगे जस्टिस रंजन गोगोई

 प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मंगलवार को केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने अगले प्रधान न्यायाधीश पद के लिए न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की है. न्यायमूर्ति गोगोई को तीन अक्‍टूबर को अगले प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी. प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने कानून एवं न्याय मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में अगले प्रधान न्यायाधीश के लिए न्यायमूर्ति गोगोई के नाम की सिफारिश की है. न्यायमूर्ति गोगोई वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं.

अब सीजेआई की सिफारिश को सरकार द्वारा मंजूरी देने के बाद जस्टिस गोगोई को आगामी तीन अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाएंगे. चूंकि चीफ जस्टिस मिश्रा आगामी दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन महात्मा गांधी की जयंती पर अवकाश होने के कारण चीफ जस्टिस मिश्रा का आखिरी कार्यदिवस एक अक्टूबर ही होगा. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने पिछले ही हफ्ते देश के मुख्य न्यायाधीश से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की अपील की थी.

दरअसल, सीजेआई के रूप में न्यायमूर्ति मिश्रा का कार्यकाल दो अक्तूबर को पूरा हो जाएगा. विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल में न्यायमूर्ति मिश्रा से अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करने को कहा था. सूत्रों ने कहा था कि सीजेआई को पत्र हाल में मिला था. 

अगले सीजेआई के रूप में न्यायमूर्ति गोगोई की नियुक्ति के बारे में तब अटकलें लगने लगी थीं जब न्यायमूर्ति गोगोई सहित उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने इस साल जनवरी में अभूतपूर्व ढंग से संवाददाता सम्मेलन बुलाकर विभिन्न मुद्दों, खासकर खास पीठों को मामलों के आवंटन के मुद्दे पर न्यायमूर्ति मिश्रा की आलोचना की थी. न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ संवाददाता सम्मेलन करने वालों में शामिल थे. भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ था.

उच्च न्यायापालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया पत्रक के अनुसार, भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद के लिए शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश को उपयुक्त माना जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि विधि मंत्री उचित समय पर निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश से अगले सीजेआई की नियुक्ति के बारे में सिफारिश मांगेंगे. इस प्रक्रिया के तहत सीजेआई की नियुक्ति की सिफारिश मिलने के बाद विधि मंत्री इसे प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री संबंधित मामले में राष्ट्रपति को सलाह देते हैं.

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