गौरतलब है कि यह बैठक पिछले माह बीजिंग में होनी थी लेकिन ताइवान को नए हथियारों की बिक्री की घोषणा होने और सितंबर में एक चीनी विध्वंसक पोत के यूएसएस डेकाटर के नजदीक आने के बाद स्थगित कर दी गई थी. तब अमेरिकी नौसेना ने इसे ‘‘असुरक्षित और गैर-पेशेवर कदम’’ करार दिया था.
पोम्पिओ के चीनी समकक्ष यांग जाइची ने कहा, ‘‘चीनी पक्ष ने अमेरिका को स्पष्ट कर दिया है कि उसे चीन के द्वीपों और रीफ के निकट अपने पोत और सैन्य विमान भेजने बंद करना चाहिए और ऐसी कार्रवाइयां बंद करनी चाहिए जो चीनी प्राधिकार और सुरक्षा हितों को कमजोर करते हों.’’ यांग और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने अमेरिका और चीन की सेनाओं के बीच तथा इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि एशिया प्रशांत में दो विश्व शक्तियों के बीच टकराव के खतरे को रोका जा सके.
वेई ने कहा, ‘‘हमारे लिए सहयोग ही एकमात्र विकल्प है. दो सेनाओं के बीच विरोध और संघर्ष हमारे ऊपर कहर बरपाएगा.’’ इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस ने नौवहन की स्वतंत्रता के अमेरिका के अधिकार पर जोर दिया लेकिन कहा कि दोनों पक्षों को समान हित वाले क्षेत्रों पर मिल कर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धा का मतलब शत्रुता नहीं है और न ही इसे संघर्ष में तब्दील होना चाहिए.’’