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अखिलेश ने कांग्रेस को 200 सीटें जीतने का बताया फॉर्मूला

 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ता पाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस यहां महागठबंधन बनाने में नाकाम साबित हुई है. 15 साल से सत्ता में जमी हुई बीजेपी को हटाने के लिए कांग्रेस अकेले ही मैदान में दमखम दिखा रही है. महागठबंधन नहीं बनने के पीछे राजनीति के जानकर अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं. इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार पत्रकारों को बताया कि आखिर मध्य प्रदेश में महागठबंधन क्यों नहीं बन पाया. साथ ही अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास 230 में से 200 सीटें जीतने का मौका था, लेकिन उसने गंवा दिया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रस्तावित गठबंधन में बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को शामिल करने को तैयार नहीं थी, जिसके कारण हमारा भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाया. अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा का घोषणापत्र जारी करने के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘हमने कांग्रेस से कहा था कि मध्यप्रदेश में लड़ाई बड़ी है. बसपा को भी साथ लीजिए. लेकिन कांग्रेस सपा से तो गठबंधन करने को तैयार थी, लेकिन बसपा के साथ वो कोई समझोता नहीं करना चाहती थी.’ उन्होंने कहा, ‘इसीलिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस और सपा का समझौता नहीं हो पाया और गठबंधन नहीं हुआ.’

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि अगर कांग्रेस का मध्य प्रदेश में सपा, बसपा एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन होता तो हमें (गठबंधन को) प्रदेश की कुल 230 सीटों में से 200 से ज्यादा सीटें मिलती. वर्ष 2014 के बाद देश में अधिकतर राज्यों में बीजेपी सरकार आने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस की नीतियां जिम्मेदार हैं.

अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब भी हम बीजेपी को नोटबंदी, जीएसटी एवं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा युवाओं के लिए किये गये दो करोड़ रोजगार देने के वादे के बारे में घेरते हैं, तो वे (बीजेपी के नेता) जाति, राममंदिर एवं अन्य मुद्दों को उठाकर अपने को बचाने के लिए उनका आश्रय लेने लगते हैं.’

बसपा को खत्म करना चाहती थी कांग्रेस : मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करके बसपा को खत्म करना चाहती थी. मायावती ने मध्य प्रदेश में 28 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार के तहत यहां भेल दशहरा मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मध्यप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है, इसलिए उसने बसपा से गठबंधन का प्रस्ताव रखा था.’ 

उन्होंने कहा, ‘गठबंधन की आड़ में कांग्रेस सोची समझी रणनीति व षडयंत्र के तहत हमें बहुत ही कम सीटें देकर बसपा को खत्म करना चाहती थी.’ मायावती ने कहा कि इसके बाद पार्टी ने प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया. उन्होंने दावा किया कि बसपा की उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में पकड़ मजबूत हो रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस घबराई हुई थी. वह खिसियाई बिल्ली की तरह खंभे नोच रही है और गठबंधन न होने के लिए बसपा पर आरोप लगा रही है.

 

मायावती ने हालांकि, यह नहीं कहा कि गठबंधन करने के लिए कांग्रेस उन्हें कुल कितनी सीट दे रही थी. उन्होंने बीजेपी नीत नरेन्द्र मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार ने बिना तैयारी के नोटबंदी एवं माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया, जिससे देश की जनता एवं व्यापारी दुखी हैं. मायावती ने कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां (बीजेपी और कांग्रेस) पूंजीपतियों एवं धन्ना सेठों के हित में नीतियां तैयार करती हैं, क्योंकि इनकी सरकारें पूंजीपतियों एवं धन्ना सेठों की मदद से चलती हैं. उन्होंने कहा इसके विपरीत बसपा आपके (जनता) धन से चुनाव लड़कर सत्ता में आना चाहती है, ताकि किसी के दबाव में न रहकर जनता को खुशहाल बना सके.

मायावती ने आरोप लगाया कि केन्द्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार एवं वर्तमान बीजेपी सरकार ने अब तक जितनी भी योजनाएं बनाई हैं, उनसे न तो देश की गरीबी दूर हुई और न ही बेरोजगारी. इन योजनाओं का लाभ गरीब आदमी को नहीं मिल रहा है.

मायावती ने कहा कि भीमराव आंबेडकर के प्रयासों में जो आरक्षण की सुविधा मिली हैं उसे हीन जातिवादी मानिसकता रखने वाली पार्टियां धीरे-धीरे खत्म करने में लगी हैं. 

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस व बीजेपी की मानसिकता के कारण ही अब तक मंडल कमीशन लागू नहीं किया जा सका है. बसपा के प्रयासों से केंद्र में वी पी सिंह की सरकार बनी. मंडल कमीशन को समर्थन देने के कारण बीजेपी ने इस सरकार को ज्यादा दिनों तक नहीं चलने दिया. आंबेडकर को भारत रत्न कांग्रेस ने नहीं, बल्कि वी पी सिंह की सरकार में ही दिया गया. 

उन्होंने आरोप लगाया कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर कांग्रेस व बीजेपी किसी ने ध्यान नहीं दिया.

मायावती ने कहा कि यदि बसपा को मध्यप्रदेश में सरकार बनानी है तो आपको (मतदाताओं) बीजेपी एवं कांग्रेस सहित सभी विरोधियों पार्टियों के हथकंड़ों से सावधान रहना होगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपनी जीत की हवा बनाने की कोशिश करेंगे. आपको गुमराह नहीं होना है. 

उन्होंने कांग्रेस एवं बीजेपी के घोषणापत्र को झूठ एवं फरेब बताते हुए कहा कि बसपा घोषणापत्र जारी नहीं करती है, क्योंकि हम कहने में कम और कार्य दिखाने में ज्यादा विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि मध्यप्रदेश में चुनाव के बाद हमारी सरकार बनी तो हम सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाय की नीतियों पर ही सरकार चलाएंगे. इससे पहले मायावती ने बालाघाट में भी एक चुनावी रैली को संबोधित किया.

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