बिहार

अपराध नियंत्रण को लेकर 7 नागरिक सहित बिहार पुलिस के 1105 जवान सम्मानित

बिहार में अपराध नियंत्रण को लेकर 1105 पुलिसकर्मियों को मंगलवार को सम्मानित किया गया. डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय के द्वारा पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर डीजीपी ने डिपार्टमेंट को बदनाम करनेवाले पुलिसकर्मियों को सुधर जाने की चेतावनी भी दी. पुरस्कार के रुप में पुलिसकर्मियों के बीच 15 लाख 25 हजार रुपये वितरित किये गये. इस मौके पर अपराध नियंत्रण में सहयोग के लिए सात आम नागरिकों भी सम्मानित किया गया.

बिहार पुलिस सप्ताह के मौके पर मंगलवार को पटना के बीएमपी ग्राउंड यह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर 1105 पुलिसकर्मी सम्मानित हुए, जिसमें आईपीएस ऑफिसर से लेकर सिपाही तक शामिल थे.

साल 2018-19 में अपराध नियंत्रण को लेकर जिन्हें सम्मानित किया गया उनमें एसपी स्तर के 58, एएसपी स्तर के 28, डीएसपी रैंक के 49, एसडीपीओ रैंक के दो अधिकारी शामिल हैं. साथ ही 90 इंस्पेक्टर, 290 एसआई, 29 एएसआई. छह हवलदार और 518 सिपाहियों को भी सम्मानित किया गया. वहीं, तीन सहायक निदेशक, तीन वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी, सीआरपीएफ के सहायक उप कमांडेट रैंक के चार, पांच अवर निरीक्षक और 17 सिपाही सम्मानित हुए.

इस मौके पर डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने कहा कि अपराध के मामले में देश के दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार काफी नीचे है. डीजीपी ने 2016 के आपराधिक आंकड़ों की जानाकारी देते हुए कहा कि अपराध के मामले में बिहार 22वें नंबर पर है, जबकि महिला अपराध के मामले में बिहार 29वें नंबर पर है. वहीं, हत्या के मामले में 17वें नंबर पर डकैती मामले में 15वें नंबर पर, लूट के मामले में 18वें नंबर पर और बलात्कार के मामले में 34वें नंबर पर है.

इस दौरान फिरौती अपहरण उद्भेदन मामले में 169 पुलिसकर्मी और छह नागरिक सम्मानित हुए. गैरकानूनी हथियार और लूट के समान बरामदगी के लिए 507 पुलिसर्मी और एक नागरिक सम्मानित किए गए. उल्लेखनीय गिरफ्तारी के लिए 308 पुलिसकर्मी, सराहनीय कार्य के लिए 308, रिश्वत में गिरफ्तारी के लिए 15, स्पीडी ट्रायल के लिए 13 पुलिसकर्मी हुए सम्मानित. इसके अलावा मुझफ्फरपुर मुथूट फाइनेंस लूट, मुंगेर एके-47 बरामदगी और पूर्णिया एके 47 बरामदगी मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया.

सम्मान पाने वालों में पटना के सबसे ज्यादा 196, मुंगेर के 66, पूर्णिया के 48, मुजफ्फरपुर के 46, भागलपुर से 52, मोतिहारी से 39, वैशाली से 33 और एसटीएफ के 355 जवान शामिल हैं.

पुलिसकर्मियों को सम्मान देने के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने पुलिसकर्मियों को चेतावनी भी दी. डीजीपी ने कहा कि पुलिस की यह कोशिश होनी चाहिए कि कमजोर वर्ग पुलिस को अपना मित्र माने. गरीब और अकलियत लोगों के मामले को ध्यान देकर सुनवाई करे. गलत काम करनेवाले पुलिसकर्मियों पर भी पुलिस मुख्यालय की नज़र है. पुलिस में तीन प्रतिशत गलत लोग हैं. वैसे पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी जो शराब, बालू और अपराधियों से सांठगांठ करने में व्यस्त हैं.

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