उत्तर प्रदेश

अब बनारस बना विकास का मॉडल, पीएम मोदी ने ट्विटर हैंडल से विश्व को कराया दीदार

बदलता बनारस..। ब्रांड बनारस..। अब काशी की यही तस्वीर आम चुनाव तक देश-दुनिया में छाने वाली है।

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के चतुर्दिक विकास की गाथा जल्द ही देश की गाथा बनने वाली है। शुरुआत हो चुकी है और गाहे-बगाहे प्रधानमंत्री खुद अपने ट्विटर हैंडल से इसकी झलक देश-दुनिया को दिखाते रहते हैं। काशी आने-जाने वाले तो इसे महसूस कर ही रहे हैं, इसे पूरे देश तक पहुंचाने के लिए भाजपा से लेकर संघ तक की पूरी रणनीति तैयार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बाबतपुर फोरलेन, रिंग रोड और जल परिवहन का मल्टी मॉडल टर्मिनल सहित तमाम योजनाएं जब जनता को समर्पित करेंगे, अपनी उस उक्ति पर ठप्पा भी लगा रहे होंगे, ‘हम योजनाओं का शिलान्यास ही नहीं करते बल्कि उनका उद्घाटन भी खुद ही करते हैं। वाजिदपुर में जहां मोदी रैली कर देश को विकास की गाथा बता रहे होंगे, वहीं से दो किलोमीटर दूर कोईराजपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत प्रांत प्रचारकों को मथ रहे होंगे।

महज साढ़े चार साल में अर्थ, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन और पर्यटन के मामले में बनारस ने ऐसी छलांग लगाई है कि देश के अन्य शहरों के लिए एक आदर्श के रूप में माना जा सकता है। पांच राज्यों में चल रहे चुनाव के साथ ही आने वाले लोकसभा चुनाव में यही ब्रांड बनारस मोदी नजीर के तौर पर पेश कर रहे हैं। मोदी ने वादा किया था कि वे बनारस को पूर्वी भारत का गेट-वे बनाएंगे और अपने वादे को पहले कार्यकाल के पूरा होने से पहले पूरा भी कर दिया।

अगर गिनती की जाए तो बीएचयू का ट्रामा सेंटर, एम्स की समकक्षता, महामना कैंसर अस्पताल, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र, पेरीशेबल कार्गो, सिटी गैस सिस्टम, ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर, शहर और घाटों का सुंदरीकरण, सड़क व जल परिवहन की उन्नत व्यवस्थाओं के साथ जाने कितनी ऐसी सौगातें है, जिन्होंने बनारस को हर मोर्चे पर विकसित और सुदृढ़ किया है।
विकास की यह रोशनी इतनी मुग्धकारी है कि उसकी तारीफ राजनैतिक विपक्षी भी करते हैं। देश-दुनिया से आने वाले सैलानियों को बदलते बनारस का खूब भान हो रहा है। यही वजह है कि आठ लाख सालाना वाले बनारस एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या इन्हीं साढ़े चार साल में 21 लाख तक पहुंच गई है।

बनारस एक ऐसा केंद्र है जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार, झारखंड को अपने आंचल में समेटे हुए है। विकास के इस माडल की धमक इन राज्यों के अलावा अन्य सूबों में भी देखी जा सकती है। जहां न सिर्फ बनारस की तर्ज पर बदलाव करने की कोशिश की जा रही है बल्कि वहां के शीर्ष नेता भी अपरोक्ष रूप से यहां के विकास कार्य को अपने लिए प्रेरणा के तौर पर देखते हैं। बाकी जगहों का आगाज चाहे जो रहा हो, अंजाम तो यह तय है कि बनारस से निकली विकास की नदी उफन कर पूरे देश को सरोबोर करेगी।

यह भी एक संयोग

इसे संयोग ही कहा जाएगा कि बनारस में प्रधानमंत्री के आगमन के एक दिन पूर्व ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत काशी पहुंच चुके हैं। भागवत छह दिनी प्रवास के दौरान प्रांत स्तर की जिम्मेदारी संभाल रहे 250 प्रचारकों के साथ मंथन करेंगे। यह दीगर है कि 12 नवंबर को दोनों प्रमुख हस्तियां करीब दो किमी की दूरी पर हरहुआ क्षेत्र में मौजूद तो होंगी लेकिन, आपस में मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है।

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