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अमरनाथ यात्राः 15 यात्रियों को सांस लेने में तकलीफ तो ITBP जवानों ने दी ऑक्सिजन

अमरनाथ गुफा के लिए बुधवार को 4,600 से अधिक श्रद्धालु जम्मू से रवाना हुए। यात्रा में चढ़ाई के दौरान 15 यात्रियों को सांस लेने में समस्या होने लगी। उनकी हालत को देखते हुए वहां तैनात इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने यात्रियों की मदद की। उन्हें तत्काल ऑक्सिजन लगाया गया। समस्या को देखते हुए यात्रियों को बीच में ही कैंपों में रोक लिया गया।

आपको बता दें कि श्रद्धालुओं की मदद के लिए आईटीबीपी ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बालटाल बेस कैंप से लेकर पवित्र गुफा तक पांच हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया है। इस बार जवानों को बेसिक पैरा मेडिकल की ट्रेनिंग दी गई है ताकि वे जरूरत पड़ने पर यात्रियों की मदद कर सकें। आईटीबीपी जवानों को मेडिकल किट और ऑक्सिजन सिलिंडर भी दिया गया है।

बुधवार को रवाना किए गए दो जत्थे

पुलिस ने बताया कि बुधवार को 4,694 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ। इनमें से 2,052 बालटाल आधार शिविर और 2,642 पहलगाम के लिए रवाना हुए। जम्मू से पहला जत्था तड़के 3.30 बजे, जबकि दूसरा तड़के 4.05 बजे रवाना हुआ।

हल्की बारिश के आसार

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में शाम के समय बालटाल-पवित्र गुफा, पहलगाम-पवित्र गुफा के आसपास हल्की बारिश, बौछारें पड़ने संभावना जताई है। हालांकि ऐसा होना के आसार कम हैं। इस साल की अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को शुरू हुई और 45 दिनों बाद 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी।

 

पवित्र गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कश्मीरी मुसलमानों ने ऐतिहासिक रूप से अपने हिंदू भाइयों को वार्षिक तीर्थयात्रा करने में आसानी और सुविधा के साथ मदद की है। बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम चरवाहे ने 1850 में अमरनाथ गुफा की खोज की थी।

 

सोमवार को हुई थी एक की मौत

अमरनाथ सेवा समिति के पचास सदस्यों के दल में गए उत्तर प्रदेश के पल्लवपुरम मेरठ निवासी कृष्ण (65 वर्ष) की हृदय गति रुकने से जान चली गई थी। वह सोमवार रात को शिविर में भक्तों की सेवा में लगे थे, तभी कृष्ण की अचानक तबीयत खराब हो गई थी।

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