उत्तराखंड

अस्पताल की शिकायत पेटिका ने खोला चिकित्सकों की कारगुजारी का राज

सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां होने के बावजूद डॉक्टर बाहर से महंगी दवाएं लिख रहे हैं। इससे गरीब मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। ताज्जुब ये कि तमाम आदेश-निर्देश के बाद भी डॉक्टर अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे।

कोरोनेशन अस्पताल में शिकायत पेटिका खोली गई तो उसमें भी इससे जुड़ी तमाम शिकायतें मिली। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने चिकित्सकों को सख्त चेतावनी दी है। ऐसी कोई भी शिकायत दोबारा मिलने पर कार्रवाई की बात कही है।

कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों की शिकायतों के लिए एक पेटी लगाई गई है। यह शिकायत पेटी महज औपचारिकता बनकर न रह जाए, इसलिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय समिति भी बनाई गई है।

समिति के सदस्यों के सम्मुख शिकायत पेटी खोली गई। इसमें बाहर से दवा लिखने समेत तमाम शिकायतें मिली। इसके अलावा अस्पताल के बाहर पीने के पानी की व्यवस्था, बाहर शौचालय की व्यवस्था, मोबाइल फोन चार्जिंग, छुट्टियों की जानकारी प्रदर्शित करने, परिसर में फोटोकॉपी की सुविधा की मांग भी मरीजों ने की है।

सीएमएस ने बताया कि ज्यादातर शिकायतें एक पखवाड़े के भीतर दूर कर दी जाएंगी। शौचालय की व्यवस्था के लिए एस्टिमेट मांगा गया है। दवा बाहर से लिखने की शिकायत पर डॉक्टरों को सख्त ताकीद की है कि आइंदा यह गलती न दोहराएं। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। समिति में डॉ. एसके नौटियाल, पीसी सेमवाल, सुनील नैथानी आदि शामिल रहे।

सीटी स्कैन की रिपेयर पर 40 लाख का खर्च

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 15 वर्ष पुरानी सीटी स्कैन मशीन को रिपेयर करने में करीब 40 लाख रुपये का खर्च आएगा। जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने मौखिक तौर पर उच्चाधिकारियों को सूचित करने की बात कही है। इधर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि जब तक नई 64 स्लाइस की मशीन नहीं मिल जाती तब तक अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर से मशीन को दुरुस्त कराएगा।

बीते सोमवार से दून अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में 2 स्लाइस वाली सीटी स्कैन मशीन है, जो 15 वर्ष पुरानी हो चुकी है। जिसकी मियाद 5 वर्ष पहले ही पूरी हो चुकी है। 64 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन की खरीद प्रक्रिया भी जारी है। इसमें अभी लंबा वक्त लग सकता है।

ऐसे में तब तक पुरानी मशीन को रिपेयर कराया जा रहा है। 5 करोड़ की लागत की ये मशीन 40 लाख का रिपेयर बजट मांग रही है। ऐसे में जुगाड़ पर चल रही मशीन अस्पताल प्रबंधन के लिए सफेद हाथी साबित होगा। जानकारों की मानें तो 2 स्लाइस की मशीन आउट ऑफ डेट हो चुकी है।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर से इस मशीन को ठीक कराने जा रहा है। उन्होंने बताया कि नई मशीन कब तक आएगी इसको लेकर कोई डेडलाइन की जानकारी नहीं है।

दून अस्पताल में अब आइबीपी, बेरियम जांच

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले सैकड़ों मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। यहां गुर्दा व पेट से संबंधित कई नई जांच शुरू की गई हैं। बीपीएल मरीजों की जांच जहां निश्शुल्क होगी, अन्य मरीजों को भी बहुत कम शुल्क पर यह सुविधा मिलेगी।

अस्पताल में किडनी संबंधी आइबीपी जांच व बेरियम जांच शुरू की गई है। अब तक ये जांचें यहां नहीं होती थी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि आइबीपी जांच निजी लैबों में 3500 रुपये में होती  है। अस्पताल में यह जांच केवल पांच सौ रुपये में होगी। वहीं, पेट संबंधी जांच बेरियम भी शुरू की गई है। यह जांच भी 500 रुपये में होगी, जबकि बाहर जांच 3 हजार रुपये तक में होती है।

प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि अस्पताल में लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। कई नई जांच शुरू कर दी गई हैं, जबकि कई अन्य जांच शुरू करने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा पैथोलॉजी जांच 24 घंटे करने की भी तैयारी है।

Related Articles

Back to top button