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आज है अपरा एकादशी, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

हिन्‍दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. अपरा एकादशी के दिन अनजाने में हुई गलतियों और पापों को नष्ट के लिए भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है.इस बार अपरा एकादशी 30 मई को है.

हिन्‍दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस बार अपरा एकादशी 30 मई को है. अपरा एकादशी के दिन अनजाने में हुई गलतियों और पापों को नष्ट के लिए भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. पद्म पुराण के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से मुनष्‍य भवसागर तर जाता है और उसे प्रेत योनि के कष्‍ट नहीं भुगतने पड़ते.

अपरा एकादशी पर विष्णु यंत्र की पूजा अर्चना का भी अपना अलग महत्व होता है. अपरा एकादशी पर श्रद्धालु पूरा दिन व्रत रहकर शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं जिससे उनको मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि अपनी गलतियों की क्षमा प्राप्ति के लिए अपरा एकादशी पर विधि विधान से पूजा अर्चना करने से भगवान विष्णु की कृपा अवश्य मिलती हैं.

अपरा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारंभ: 29 मई 2019 को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट

एकादशी  तिथि सामाप्‍त: 30 मई 2019 को शाम 04 बजकर 38 मिनट तक

पारण का समय: 31 मई 2019 को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से 08 बजकर 25 मिनट

अपरा एकादशी के दिन बरतें ये सावधानियां-

– अपरा एकादशी के दिन सूर्य उदय से पहले उठें.

– घर में लहसुन प्याज और तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना बनाएं.

– एकादशी की पूजा पाठ करते समय साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही पूजा करें.

-अपरा एकादशी का व्रत विधान करते समय परिवार में शांतिपूर्वक माहौल बनाए रखें.

अपरा एकादशी के दिन ये उपाय करके ग्रह पीड़ा, वास्तुदोष और पारिवारिक कलह से पा सकते हैं छुटकारा-

– अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा उससे एक दिन पहले दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत नियम को लेकर शुरू हो जाती है.

– दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.

– सुबह सूर्योदय से पहले उठें और अपने स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन कर विष्णु भगवान का ध्यान करना चाहिए.

– पूर्व दिशा की तरफ एक पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की फोटो को स्थापित करें. इसके बाद धूप दीप जलाएं और कलश स्थापित करें.

– भगवान विष्णु को अपने सामर्थ्य के अनुसार फल फूल पान सुपारी नारियल लौंग आदि अर्पण करें और स्वयं भी पीले आसन पर बैठ जाएं.

– अपने दाएं हाथ में जल लेकर अपनी मुश्किलों को खत्म करने की प्रार्थना भगवान विष्णु से करें.

– पूरा दिन  निराहार रहकर शाम के समय अपरा एकादशी की व्रत कथा सुनें और फलाहार करें.

– शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने एक गाय के घी का दीपक जलाएं.

– अब दूसरे दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन कराकर तथा दक्षिणा देकर उसके बाद स्वयं खाना खाना चाहिएं.

-अपरा एकादशी पर घर मे धन की बरकत के लिए करें ये उपाय-

– अपरा एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठें.

– साफ हलके पीले रंग के कपड़े पहने.

– ग्यारह पीले जनेऊ और ग्यारह ही केले लें.

– अब तुलसी की माला से पीले आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन या पांच माला जाप करें.

– जाप के बाद जनेऊ और केले भगवान कृष्ण के मंदिर में अर्पण कर दें.

– स्वयं प्रसाद के रूप में एक केला घर पर ले आएं  और परिवार के सभी सदस्यों को दे.

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