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आतंकवादी हाफिज़ सईद पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री बन सकता है

135 करोड़ की आबादी वाले भारत में अभी से इस बात पर चर्चा हो रही है, कि वर्ष 2019 में देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा ? लेकिन, ऐसा लग रहा है, कि 2019 से पहले हमें 2020 के बारे में सोचना होगा. क्योंकि, आतंकवाद और पड़ोसी देश पाकिस्तान पर आधारित एक नई रिपोर्ट में जो संकेत हैं, वो शुभ नहीं लग रहे. Oxford University और दुनिया के भविष्य का विश्लेषण करने वाले Think-Tank, Strategic Foresight Group ने एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें इस बात की आशंका जताई गई है, कि वर्ष 2020 से लेकर 2030 के बीच आतंकवादी हाफिज़ सईद पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री बन सकता है. इस रिपोर्ट में साफ शब्दों में चेतावनी दी गई है, कि अगर समय रहते, पाकिस्तान के नेता और वहां के लोग नहीं संभले, तो सिवाए तबाही के कुछ और नहीं होगा.

इस रिपोर्ट का शीर्षक है, Humanity at Risk…कई लोग कहेंगे, कि ऐसी रिपोर्ट्स तो हर दूसरे दिन आती रहती हैं. और इनका वास्तविक परिस्थितियों से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन ऐसा नहीं है. इस रिपोर्ट में तथ्यों के आधार पर जो बातें कही गई हैं, वो भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं. 104 पन्नों की इस रिपोर्ट में वैसे तो बहुत सारे आंकड़े हैं. लेकिन हम साधारण भाषा में, भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली बातें आपको बताना चाहते हैं. अगर आपके बगल के मकान में आतंकवादियों का अड्डा हो, तो आप परेशान हो जाएंगे. भारत की भी यही मुसीबत है, क्योंकि पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए सबसे ज़्यादा Safe Havens हैं.

यहां Safe Haven का मतलब है… एक ऐसा क्षेत्र, जहां आतंकवादी संगठन बिना किसी रोकटोक या दखल के अपना काम कर सकते हैं. इन्हीं जगहों पर आतंकवादी संगठनों की बैठकें होती हैं, हमले की Planning होती हैं, Funds इकट्ठा किए जाते हैं और आतंकवादियों को Training दी जाती है. ये सबकुछ सुरक्षा एजेंसियों की नाक के नीचे होता है. इन सभी पैमानों पर पाकिस्तान एकदम खरा उतरता है. दुनियाभर के अलग-अलग देशों में जहां पर भी ऐसे Safe Havens मौजूद हैं, उन्हें एक नक्शे के ज़रिए दिखाया गया है.

इस नक्शे में जिन देशों पर पीले रंग के निशान हैं, वहां पर ऐसे Safe Havens की संख्या 2 या उससे कम है. इस लिस्ट में Tunisia, Nigeria, Kenya, Somalia, Syria और बांग्लादेश शामिल हैं. नारंगी रंग के निशान उन देशों के लिए है, जहां पर ऐसे Safe Havens की संख्या 2 से 5 के बीच में हैं. इनमें Mali, Egypt, Libya, Indonesia और Philippines शामिल हैं.

लेकिन सबसे ज़्यादा चिंता उन दो देशों को लेकर हैं, जिनपर लाल रंग का निशान लगा है. ये दो देश हैं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान. जहां आतंकवादियों के Safe Havens की संख्या, 9 से 14 के बीच है. इस रिपोर्ट में अलग-अलग आतंकवादी संगठनों द्वारा कब्ज़े में लिए गए इलाकों को दो तरह से बांटा गया है. पहला है, Control Over Territory…यानी ऐसे इलाके जहां पर आतंकवादी ना सिर्फ मौजूद हैं, बल्कि उनके संगठनों ने किसी एक इलाके पर कब्ज़ा किया हुआ है. 

और दूसरा है, Governance Of Territory…यानी ऐसे इलाके, जहां पर आतंकवादी संगठन एक तरह से अपनी सरकार चलाते हैं. और हर वो काम करते हैं, जो किसी देश की सरकार करती है. उदाहरण के तौर पर Tax लगाना, अदालती कार्रवाई करना, अपनी पुलिस खड़ी करना. School और स्वास्थ्य सुविधाओं पर अपना नियंत्रण करना. राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेना. इस्लामिक कानून स्थापित करना. और आतंकवाद को छुपाने के लिए दान-पुण्य और समाजसेवा का काम करना. 

रिपोर्ट में ये पाया गया है, कि दुनिया में 31 में से 11 आतंकवादी संगठनों ने ‘State Capture’ किया हुआ है. ये सभी संगठन, कहीं ना कहीं अपने कब्ज़े वाले इलाकों में अपनी सरकार चलाते हैं. अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन, अफगान-तालिबान ने, वहां के कई इलाक़ों पर कब्ज़ा किया हुआ है और उन इलाक़ों में वो अपनी समानांतर सरकार चला रहा है. जबकि, पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन, किसी इलाक़े पर कब्ज़ा करने के बजाए सीधे सीधे, इमरान खान की नाक के नीचे अपनी सरकार चलाते हैं.

इस रिपोर्ट में ये बताया गया है कि पाकिस्तान के सिस्टम में कौन कौन से आतंकवादी संगठन घुसे हुए हैं. Haqqani Network की जड़ें पाकिस्तान की न्याय प्रक्रिया और Taxation सिस्टम के अंदर तक पहुंच चुकी हैं. Jaish-i-Mohammed – शिक्षा, स्वास्थ्य और Charity के क्षेत्र में सक्रिय है. Lashkar-e-Tayyiba ने, शिक्षा, स्वास्थ्य, चैरिटी, और राजनीतिक प्रक्रियाओं के अंदर अपनी पकड़ मज़बूत कर ली है. जबकि, Tehrik-e-Taliban Pakistan, धार्मिक कानूनों को मज़बूती से लागू करवाने के लिए काम कर रहा है.

सोचने वाली बात ये है, कि अगर ऐसे ही चलता रहा, तो क्या होगा ? इसे समझने के लिए अब आप इस रिपोर्ट का निष्कर्ष देखिए. इसमें लिखा है कि पाकिस्तान में इस वक्त कट्टरपंथी और धार्मिक विचारधारओं वाली पार्टियां लोगों के बीच काफी मशहूर हो रही हैं. लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे संगठन ने अपनी राजनीतिक पार्टी शुरु कर दी है. हाफिज़ सईद ने अपनी पार्टी का Infrastructure इतना मज़बूत कर लिया है, कि वो बहुत आसानी से चुनाव प्रक्रिया में शामिल हो जाता है. इसके लिए उसे ना सिर्फ दूसरी कट्टरपंथी पार्टियों का समर्थन मिलता है, बल्कि पाकिस्तान की सेना भी अनौपचारिक रूप से उसका समर्थन करती है. ऐसे में 2020 से 2030 के बीच हाफिज़ सईद पाकिस्तान का प्रधानमंत्री भी बन सकता है.

रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन, वहां की सेना और सुरक्षा एजेंसियों के साथ हाथ मिलाकर, भारत पर बहुत बड़ा हमला कर सकते हैं. और ये हमला आतंकवादी हाफिज़ सईद के इशारों पर होगा. क्योंकि भविष्य में पाकिस्तान के लोग इस आतंकवादी को अपना प्रधानमंत्री चुन सकते हैं.

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