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इसरो की एक और बड़ी तैयारी, देश में आएगी इंटरनेट क्रांति

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो अंतरिक्ष एक और ऊंची छलांग लगाने की तैरायी में है। इसरो देश के अबतक के सबसे भारी सैटलाइट GSAT-11 की लॉन्चिंग की तैयारी में है। कल यानी 5 दिसंबर सुबह 2.07 से 3.23 बजे के बीच इसे फ्रेंच गयाना से लॉन्च करेगी। यूरोपियन स्पेस ट्रांसपॉर्टर एरियनस्पेस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि लॉन्चिंग 5 दिसंबर की सुबह 2.07 से 3.23 के बीच होगी। सैटलाइट को सबसे पहले जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑरबिट में रखा जाएगा। भारत के जीसैट-11 के अतिरिक्त एरियन-5 वाहन कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टिट्यूट का जियो-कॉम्पसैट-2भी लॉन्च करेगा।

इसे कम्युनिकेशन सैटलाइट भी कहा जा रहा है इसका वजन 5854 किलोग्राम है। बताया जा रहा है कि इससे देश में इंटरनेट क्रांति आएगी। इससे इंटरनेट की स्पीड कई गुना बढ़ जाएगी। इसरो के चेयरमैन के.सिवन का कहना है कि चार उच्च क्षमता वाले थ्रोपुट सैटलाइट अगले साल से देश में हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगे।’ चार में से दो सैटलाइट जीसैट-19 और जीसैट-11 पहले से ही लॉन्च हो चुका है। जीसैट-11 को बुधवार को लॉन्च किया जाएगा और जीसैट-20 को अगले साल प्रक्षेपित किया जाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘ये सभी सैटलाइट देश को उच्च-गति वाले इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएंगे, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में, और डिजिटल डिवाइड को खत्म करेंगे।’

आपको बता दें कि सैटलाइट की लॉन्चिंग पहले साल की शुरुआत में होनी थी, लेकिन इसरो ने इसके सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी देखने के बाद इसे फ्रेंच गुयाना से जांच के लिए वापस मंगवा लिया। इसरो ने अप्रैल में सैटलाइट को वापस मंगाने की जरूरत अप्रैल में महसूस की, जबकि जीसैट-6ए मिशन की असफलता के बाद उसी वक्त एहतियातन उपाय किए गए थे। 29 मार्च को लॉन्च होने के तुरंत बाद जीसैट-6ए सैटलाइट नियंत्रण से बाहर हो गई थी और इसका सिग्नल नहीं मिल रहा था।

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