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उद्घाटन के दूसरे दिन खराब हुआ एस्केलेटर, रेलवे ने दी ये सफाई, जानिए क्या कहा

पटना जंक्शन पर लगा एस्केलेटर महज दो दिन में ही खराब हो गया जिसपर रेलवे ने सफाई देते हुए कहा है कि बुधवार को दिन में ही इस एस्केलेटर पर एक महिला बड़ी टोकरी में कोई सामान लेकर चढ़ रही थी कि अचानक वह अनियंत्रित होकर गिर गई जिससे एस्केलेटर का सेंसर टूट गया। इसे लोकल स्तर पर बनवाने की कोशिश की गई, परंतु यह बन नहीं सका।  पटना जंक्शन पर लगा एस्केलेटर महज दो दिन में ही खराब हो गया जिसपर रेलवे ने सफाई देते हुए कहा है कि बुधवार को दिन में ही इस एस्केलेटर पर एक महिला बड़ी टोकरी में कोई सामान लेकर चढ़ रही थी कि अचानक वह अनियंत्रित होकर गिर गई जिससे एस्केलेटर का सेंसर टूट गया। इसे लोकल स्तर पर बनवाने की कोशिश की गई, परंतु यह बन नहीं सका।   बता दें कि मंगलवार को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बड़े तामझाम के साथ ही पटना जंक्शन पर दो एस्केलेटरों  का उदघाटन किया था, जिसमें एक एस्केलेटर जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म जबकि दूसरा 9 नंबर प्लेटफार्म पर लगाया गया है।   ये दोनों एस्केलेटर मशीन इस मकसद से लगाये गये थे कि लोगों को सुविधा हो सके और पटना रेलवे जंक्शन की शोभा बढ़े लेकिन पूरी सुविधा उदघाटन के दो दिन बाद ही खोखली साबित हो गई और मशीन खराब हो गया।   एस्केलेटर होने के बाद लोग फिर से उन्हीं सीढ़ी का सहारा ले रहे जिससे चलकर वो आते-जाते थे। लोगों की समझ में भी नहीं आ रहा कि नया एस्क्लेटर दो दिन में ही कैसे बिगड़ गया? दरअसल पटना जंक्शन से रोजाना हजारो की संख्या में यात्री देश के कई हिस्सों में यात्रा करते हैं ऐसे में स्टेशन पर काफी भीड़ भी होती है।   सावधान! बिहार में जानलेवा डेंगू के बाद अब चिकनगुनिया का कहर जारी यह भी पढ़ें जानकारी के मुताबिक एक एस्क्लेटर को लगाने में रेलवे को करीब एक करोड़ रूपए खर्च करने पड़ते हैं जिस पर एक साथ कई लोग स्वचालित सीढियों के माध्यम से आवाजाही कर सकते हैं।  इस संबंध में स्टेशन निदेशक डॉ. निलेश कुमार ने बताया कि जिस कंपनी ने इसे लगाया है, उसे सूचित कर दिया गया है। इसकी मरम्मत में दो दिनों का समय लगने की संभावना है। तकनीशियनों को बुलाया गया है। शुक्रवार तक उनके पटना जंक्शन पहुंचने की संभावना है। इस एस्केलेटर पर किसी भी यात्री को भारी भरकम सामान ले जाने से रोकना होगा। इसके दुरुपयोग से आम यात्रियों को परेशानी होती है।

बता दें कि मंगलवार को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बड़े तामझाम के साथ ही पटना जंक्शन पर दो एस्केलेटरों  का उदघाटन किया था, जिसमें एक एस्केलेटर जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म जबकि दूसरा 9 नंबर प्लेटफार्म पर लगाया गया है। 

ये दोनों एस्केलेटर मशीन इस मकसद से लगाये गये थे कि लोगों को सुविधा हो सके और पटना रेलवे जंक्शन की शोभा बढ़े लेकिन पूरी सुविधा उदघाटन के दो दिन बाद ही खोखली साबित हो गई और मशीन खराब हो गया। 

एस्केलेटर होने के बाद लोग फिर से उन्हीं सीढ़ी का सहारा ले रहे जिससे चलकर वो आते-जाते थे। लोगों की समझ में भी नहीं आ रहा कि नया एस्क्लेटर दो दिन में ही कैसे बिगड़ गया? दरअसल पटना जंक्शन से रोजाना हजारो की संख्या में यात्री देश के कई हिस्सों में यात्रा करते हैं ऐसे में स्टेशन पर काफी भीड़ भी होती है।

जानकारी के मुताबिक एक एस्क्लेटर को लगाने में रेलवे को करीब एक करोड़ रूपए खर्च करने पड़ते हैं जिस पर एक साथ कई लोग स्वचालित सीढियों के माध्यम से आवाजाही कर सकते हैं।

इस संबंध में स्टेशन निदेशक डॉ. निलेश कुमार ने बताया कि जिस कंपनी ने इसे लगाया है, उसे सूचित कर दिया गया है। इसकी मरम्मत में दो दिनों का समय लगने की संभावना है। तकनीशियनों को बुलाया गया है। शुक्रवार तक उनके पटना जंक्शन पहुंचने की संभावना है। इस एस्केलेटर पर किसी भी यात्री को भारी भरकम सामान ले जाने से रोकना होगा। इसके दुरुपयोग से आम यात्रियों को परेशानी होती है।

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