बिहार

छठ महापर्व में ट्रांसजेंडर्स की भी गहरी आस्था, जानिए क्‍यों कर रहीं व्रत

 छठ सामाजिक समरसता का पर्व है। यह भेदभाव और जात-पात को खत्म कर देता है। इस पर्व के प्रति गहरी आस्‍था का ही प्रभाव है कि इसकी तरफ किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर्स) का झ़ुकाव भी किसी से कम नहीं है। राजधानी पटना में इस समुदाय के कई लोग छठ कर रहें हैं।

अपनों के संग अर्घ्‍य देगीं सुमन

पटना के बोरिंग रोड की रहने वाली सुमन मित्रा दूसरी बार छठ कर रही हैं। वे कहती हैं कि घर की सुख-शांति के लिए व्रत कर रही हैं। घर में उनके अलावा कभी किसी ने छठ नहीं किया। इस पर्व में उनकी गहरी आस्था थी। पिछले साल दोस्तों के साथ मिलकर छठ व्रत शुरू कर दिया। कहती हैं, ”मैं  नहाए-खाए से लेकर पूजा का सारा काम खुद ही करती हूं। इस दौरान समुदाय के लोग मेरे साथ ही रहते हैं। पर्व में कई पुराने और नए लोगों से मिलने का मौका मिल जाता है।”

छोटी उम्र से ही कर रहीं पूजा

पटना के गाय घाट की रहने वाली गीता 26 सालों से छठ व्रत कर रहीं हैं। वे बताती  हैं कि 16 साल की उम्र से छठ कर रही हैं। बताती हैं, ”मैं मां से यही कामना करती हूं कि मेरे अपने हमेशा खुश रहें और उनको कभी कोई गम  या परेशानी न हो।” वे कहती है कि छठ के दौरान उन्‍हें दूसरे समुदाय के लोगों से भी बहुत मदद मिलती है। गीता इस साल अपने समुदाय के लोगों के साथ मिलकर गंगा घाट पर जाने वाली हैं।

दोस्तों के कहने पर शुरू किया व्रत

पटना के बोरिंग रोड की रहने वाली अमरुता दूसरी बार छठ करेंगी। उन्होंने कहा कि दोस्तों को छठ करता देखकर छठ करने की इच्छा हुई। वे अपनों की सुख शांति के लिए छठ का व्रत रखती हैं। समुदाय के लोग प्रसाद बनाने से लेकर पूजा करने में पूरा सहयोग करते हैं।

पहली बार व्रत कर रहीं हैं मानसी

पटना के हड़ताली मोड की रहने वाली मानसी अग्रवाल इस साल अपनों के खुशी के लिए छठ का व्रत करने वाली हैं। मानसी बताती हैं कि अपनों को देखकर इस व्रत को शुरू कर रही हैं। उनकी इस पर्व के प्रति गहरी आस्था रही है। समुदाय के लोगों की खुशहाली और समृद्धि के लिए पूजा शुरू कर रही हैं।

सबों की कामना: सबों की खुश रखें छठी मैया

बहरहाल, किन्‍नर समुदाय के लोग आस्‍था के साथ छठ पूजा में जुट गए हैं। उनकी कामना है कि छठ मैया सबको खुश रखें, सबों की इच्छाओं को पूरा करें। ये दुनिया फिर से रहने लायक बन जाए।

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