उत्तर प्रदेश

जयपुर: SMS अस्पताल की बड़ी कामयाबी, सफल हुआ AROTIC वॉल्व ऑपरेशन

देश-दुनिया में नाम कमा रहा राजस्थान का सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल अब एम्स से भी आगे निकल रहा है. ये कोई हमारा दावा नहीं, बल्कि अस्पताल के कार्डिक विभाग की ताजा उपलब्धि है. अस्पताल में ट्रांस कैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन यानी “टावी”  प्रोसिजर से सफल ऑपरेशन किया गया है. इस तरह का ऑपरेशन उत्तरी भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में पहली बार किया गया है.

एसएमएस अस्पताल का नाम आते ही जेहन में भारी भीड़, अव्यवस्थाओं का आलम और जांच के लिए कतारें आना स्वभाविक है लेकिन अब तस्वीर बदल सी रही है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी के निर्देशन में अस्पताल नए-नए कीर्तिमान रच रहा है. इन्हीं में से एक बड़ी सफलता कार्डियोलॉजी विभाग को मिली है. अतिरिक्त प्राचार्य एवं वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. एसएम शर्मा, डॉ. विजय पाठक, डॉ. सोहन शर्मा की टीम ने “टावी” प्रोसिजर से बिना सर्जरी के ही वाल्व को रिप्लेस किया है. आमतौर पर ऐसे केस में ओपन हार्ट सर्जरी ही की जाती है.

एसएमएस अस्पताल में “टावी” प्रोसिजर का पहला सफल ऑपरेशन पूरी तरह से निशुल्क किया गया है. इस ऑपरेशन का खर्च करीब 13 से 14 लाख रुपए आया, लेकिन मरीज से किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया गया. अस्पताल के अतिरिक्त प्राचार्य एवं वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. एसएम शर्मा की मानें तो उत्तर भारत में सरकारी क्षेत्र में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है. एम्स दिल्ली में भी अभी तक “टावी” प्रोसिजर का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

एसएमएस मेडिकल कॉलेज इन दिनों नवाचार को लेकर काफी चर्चाओं में है. हाल ही में देहदान को बढ़ावा देने को लेकर शुरू की गई पहल चर्चाओं में है. वहीं दूसरी ओर कई नए विभागों की शुरूआत के प्रयास भी जारी है. ऐसे में माना जा रहा है कि चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार के ये प्रयास न सिर्फ कॉलेज को नई उपलब्घियों की ओर ले जाएगा, बल्कि लाखों की तादात में मरीजों के लिए राहत भी बनेगा.

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