बिहार

जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर मचे तूफान के बीच अब खबर ये मिल रही है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले एनडीए के घटक दल में शामिल रहे रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के एकमात्र केंद्रीय मंत्री हैं और वो सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से एनडीए से नाराज चल रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार मंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले कुशवाहा छह दिसंबर को मोतिहारी में पार्टी के कार्यक्रम में एनडीए छोड़ने का ऐलान करेंगे। इससे पहले, उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार देर शाम दिल्ली से पटना लौट आए हैं। उपेंद्र कुशवाहा भाजपा-जदयू के बीच हुए टिकट के बंटवारे के बाद भाजपा से नाराज चल रहे थे और उन्होंने रालोसपा के लिए तीन सीटों से ज्यादा की मांग की थी।

कुशवाहा की इस मांग को लेकर एनडीए की तरफ से कुछ भी नहीं कहा जा रहा था। कुशवाहा ने उसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की कोशिश की थी। लेकिन, उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। उसके बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार के कथित रूप से नीच कहे जाने पर कुशवाहा ने आपत्ति जताई थी।

उसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात का समय मांगा था। लेकिन, उनकी पीएम मोदी से भी मुलाकात नहीं हुई। उपेंद्र कुशवाहा ने उसके बाद कहा कि वो एनडीए में रहना चाहते हैं, लेकिन उन्हें जबर्दस्ती निकाला जा रहा है। दिल्ली से लौटकर आए उपेंद्र कुशवाहा ने पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्य की बात है कि एनडीए में मेरी उपेक्षा हो रही है।”

आने वाले दिनों में एनडीए के साथ बने रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला पार्टी के कार्यकर्ता लेंगे। कुशवाहा ने बिहार में ‘सुशासन’ पर भी सवाल उठाया है। राज्य की बिगड़ी कानून-व्यवस्था और रालोसपा नेताओं की हो रही हत्या को लेकर कहा कि आखिर नीतीश कुमार कब तक हमारे कार्यकर्ताओं की बलि लेते रहेंगे।

अब बताया जा रहा है कि 4 और 5 दिसंबर को वाल्मीकिनगर में होने वाले रालोसपा के चिंतन शिविर में एनडीए से अलग होने पर मंथन होगा। इसके बाद छह दिसंबर को मोतिहारी में होने वाले खुले अधिवेशन में वह एनडीए से अलग होने का ऐलान कर सकते हैं।

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