उत्तर प्रदेश

जैसे आज अखिलेश को रोका गया, कभी सपा सरकार ने योगी को भी इलाहाबाद में घुसने नहीं दिया था

प्रयागराज की इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जा रहे सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश केपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हवाई अड्डे पर रोके जाने का मामला गर्माता जा रहा है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे अखिलेश यादव को कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका में लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे पर विमान पर चढ़ने से रोक दिया गया. जिसके बाद प्रदेश के सियासी माहौल में गर्माहट देखी जा रही है. नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक सियासत शुरू हो गई है.

बताया जा रहा है कि 2015 में यूपी की अखिलेश सरकार ने भी इसी तरह गोरखपुर के उस समय के सांसद योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में जाने से रोक दिया था. और अब 2019 में यूपी में योगी की सरकार हैं तो उन्होंने अखिलेश को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जाने से रोक दिया है.

सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि, 2015 में अखिलेश सरकार ने योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाने से रोका था तो चार साल बाद अखिलेश यादव को योगी सरकार ने रोका. टि्वटर और फेसबुक पर योगी और अखिलेश के पक्ष- विपक्ष की तमाम बातें लिखी जा रही हैं. और 20 नवंबर 2015 की योगी आदित्यनाथ को रोके जाने की घटना की याद दिलायी जा रही है.

जब योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आने से रोका गया

20 नवंबर 2015 को तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ उद्घाटन समारोह के लिये मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. योगी आदित्यनाथ का तब यूनिवर्सिटी में सपा की छात्र ईकाई के नेता विरोध कर रहे थे. कार्यक्रम के ठीक एक दिन पहले रात में ही डीएम और एसपी ने योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कोई अनुमति न लिए जाने का दावा करते हुए उनके कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारी विरोध के बाद भी योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी आने के लिए प्रयासरत थे लेकिन उन्हें वाराणसी में ही रोक लिया गया था.

इसके बाद योगी आदित्यनाथ वहां से कड़ी सुरक्षा में मिर्जापुर पहुंचे और विंध्याचल में विंध्यवासिनी देवी के मंदिर में दर्शन-पूजन किया था. इस मामले के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रेस वार्ता कर उस समय की सपा सरकार की कार्रवाई की निंदा की थी. और अपने मौलिक अधिकारों के हनन की बात कही थी.

योगी आदित्यनाथ के रोके जाने के पूरे तीन साल तीन महीने के बाद एक बार फिर प्रयागराज में वैसी ही स्थिति बनी है, लेकिन इस बार के किरदार और कहानी दोनों बदली है. तब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और अब योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम है. और सबसे खास बात यह है कि अखिलेश को उसी कार्यक्रम के लिए रोका गया है. जिसके लिए कभी योगी को रोका गया था.

जहां एक तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंचने पर वहां पहले से ही छात्रगुटों में चल रही तनातनी के और भड़कने की आशंका थी. इसी वजह से उन्हें रोका गया. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने पूरे मामले के लिये योगी आदित्यनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी नीयत पर शक जाहिर किया.

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सपा समर्थित उम्मीदवार के हाथों हार से बौखलायी योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस प्रशासन की मदद से ना सिर्फ उनके घर की रेकी की, बल्कि प्रतिबंध के बावजूद राज्य के अधिकारियों ने हवाई अड्डे के अंदर घुसकर उन्हें विमान पर चढ़ने से रोक दिया. इसमें केंद्र सरकार की भी मिलीभगत नजर आती है.

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