उत्तर प्रदेशप्रदेश

धर्म परिवर्तन कर बने थे ईसाई, यज्ञ करके वापस अपनाया सनातन धर्म

कोर्ट की सख्ती और पुलिस के एक्शन के बाद जौनपुर के भूलन डीह गांव का पूरा नजारा बदल गया है. अब गांव में प्रार्थना सभाएं नहीं, कीर्तन होते हैं. भूलन डीह गांव वही गांव है, जो धर्म परिवर्तन को लेकर सुर्खियों में रहा था. आरोप था कि ईसाई मिशनरी लोगों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा रही हैं. लेकिन अब गांव की फिजाएं बदल गई हैं. गांव में आर्य समाज के लोगों ने हवन यज्ञ करके गांव के लोगों का शुद्धिकरण कराया. लोग अब दोबारा से सनातन धर्म में लौट रहे हैं, जिस जगह पर सभा होती थी आज वहां धार्मिक कीर्तन होने लगा है. आलम ये है कि ईसाई मिशनरी के लोग गायब हो चुके हैं और उनसे जुड़े लोग भी यहां नहीं दिख रहे हैं. 

दरअसल, इसी मामले को लेकर एक अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में गांव में धर्मांतरण करा रहे दुर्गा यादव सहित 271 लोगों के खिलाफ एक वाद दायर किया गया था. जिसपर कोर्ट के आदेश के बाद 271 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया किया गया, जिसके बाद इस मामले ने पूरे प्रदेश में बावल मच गया. धर्मांतरण के नाम पर चल रहे इस खेल को प्रदेश सरकार ने भी कड़ाई से लिया पुलिस ने प्रार्थना सभा को बंद करा दिया.

कोर्ट के आदेश के बाद गांव में लोगों के विचारों में फिर से बदलाव आ रहा है. गांव में आर्य समाज के लोगों ने हवन यज्ञ करके गांव के लोगों का शुद्धिकरण कराया. धर्मांतरण कर चुके लोगों को अपनी गलती का एहसास हो रहा है, जिसके बाद वो दोबारा से सनातन धर्म में लौट रहे है.

गांव में आर्य समाज प्रमुख कुलदीप विद्यार्थी ने बताया कि इस क्षेत्र में ईसाई मिशनरी सक्रिय थे. रविवार और मंगलवार के दिन चंगाई सभा के नाम पर यहां पर आस-पास के गांव के गरीबों को बहला फुसलाकर चर्च में बुलाकर बाइबल पढ़ाई जाती थी. यहां तक कि उनसे हिंदू धर्म की बुराई भी कराई जाती थी. इस पूरे क्षेत्र में करीब आधा दर्जन गांव में लोग भगवान को छोड़कर प्रभु यीशु को मनाने लगे थे.

गांव में हो रहे धर्मांतरण के चलते पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद चंदवक थाना के प्रभारी के साथ कई पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया था. अब हालात सुधरने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. ग्रामीणों का कहना है कि आर्य समाज के लोग यहां आए और गांव-गांव में घूमकर लोगों को समझाया. गांव में हवन करके शुद्धिकरण कराया हम लोग भी इससे खुश हैं कि हम लोग अपने घर वापस आ गए. गांव के अन्य लोग भी आर्य समाज द्वारा किए जा रहे पूजा-पाठ से और अपनी घर वापसी को लेकर काफी प्रसन्न है.

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