उत्तराखंड

नगर निकायों में टिकट बंटवारे को लेकर महिला कांग्रेस में असंतोष है,

नगर निकायों में टिकट बंटवारे को लेकर महिला कांग्रेस में असंतोष है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से टिकट की दावेदार महिलाओं के इस्तीफे की धमकी से पार्टी में खलबली है। प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य ने टिकटों में महिला संगठन को तरजीह नहीं दिए जाने पर रोष जताया। उन्होंने महिला इकाई के गठन के औचित्य पर ही सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर इसकी शिकायत करने की बात कही है। 

कांग्रेस में प्रदेश के कई शहरों से महिलाओं ने निकायों के अध्यक्ष पदों के लिए दावेदारी पेश की थी। इस दावेदारी की उपेक्षा से महिला नेता खफा हो गई हैं। प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी ने तो प्रत्याशियों के चयन में संगठन की सिफारिश को नजरअंदाज करने पर नाराजगी जताई। 

नैनीताल में जिस अंदाज में सरिता आर्य ने रोष जताया है, उससे पार्टी में अंदरखाने बढ़ रहे असंतोष का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरिता आर्य का कहना है कि प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी ने सामान्य सीटों पर भी सक्षम महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने की पैरवी की थी, लेकिन बाद में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर महिला उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित किए थे। 

सरिता आर्य ने कहा कि बागेश्वर से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष गीता रावल, कोटद्वार से रंजना रावत, शिवालिकनगर हरिद्वार से किरण सिंह, हरिद्वार नगर निगम के लिए विमला पांडे, अल्मोड़ा से प्रीति बिष्ट, भवाली से खष्टी बिष्ट समेत तमाम दावेदारों की सूची सौंपी गई थी। 

इन दावेदारों पर विचार नहीं हो सका। इस वजह से कई स्थानों से महिला नेत्रियों ने व्हाट्सएप पर उन्हें इस्तीफे भी भेजे। कई महिला नेताओं ने बतौर निर्दल चुनाव लड़ने की धमकी दी है। उन्होंने टिकट बंटवारे में महिला कांग्रेस कमेटी की उपेक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में महिला इकाई के गठन का उद्देश्य क्या है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष के सामने भी यह मुद्दा उठाया जाएगा।

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