उत्तराखंड

प्रधानों के लिए राहतभरी खबर, वे नहीं होंगे लोक सूचनाधिकारी

प्रदेश के 75 सौ से अधिक ग्राम प्रधानों के लिए राहतभरी खबर है। उन्हें अब लोक सूचनाधिकारी के दायित्व से मुक्त कर दिया गया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद पंचायतीराज विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। उनकी जगह पर संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी लोक सूचनाधिकारी होंगे।

राजरानी बनाम मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य में हाई कोर्ट ने आदेश जारी किए थे। जिसमें कोर्ट ने कहा था कि प्रधान जनप्रतिनिधि होते हैं और उन्हें किसी कार्मिक की भांति लोक सूचनाधिकारी नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं, सूचना आयोग ने भी अपना मत स्पष्ट किया था कि प्रधानों को लोक सूचनाधिकारी नहीं बनाया जाना चाहिए। इसकी वजह भी साफ थी कि कई प्रधान या तो साक्षर नहीं हैं या अल्प शिक्षित हैं।

इस कारण पंचायतों से सूचना मांगने पर लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ जाता है और इस वजह से ज्यादातर मामलों में प्रधानों को जुर्माने का भागी भी बनना पड़ता है। यह समस्या अब स्वत: ही दूर हो जाएगी।

पंचायतीराज विभाग के अपर सचिव एचसी सेमवाल ने बताया कि उनके आदेश पंचायतीराज विभाग से संबंधित सूचनाओं में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों पर लागू होंगे। ग्राम विकास से संबंधित सूचनाओं के लिए ग्राम्य विकास विभाग ग्राम विकास अधिकारियों को लोक सूचनाधिकारी नामित करेंगे। इसका आदेश संबंधित विभाग अलग से जारी करेगा।

शत्रुघ्न सिंह (मुख्य सूचना आयुक्त, उत्तराखंड) का कहना है कि ग्राम प्रधान लोक सूचनाधिकारी की जिम्मेदारी का निर्वहन भली-भांति नहीं कर पा रहे थे। पर्याप्त जानकारी के अभाव में इससे सूचना प्राप्त करने में व्यवधान पैदा हो रहा था। उम्मीद है कि अब पंचायत कार्यालयों से संबंधित सूचना प्राप्त करने में सुगमता आएगी।

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