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भाजपा की प्रचंड जीत के साथ ही पाकिस्‍तान ने दिया भड़काऊ बयान, कहा- कश्मीर की संवैधानिक स्थिति बदली तो

इस्लामाबाद: पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत को कश्मीर की संवैधानिक स्थिति को बदलने के खिलाफ आगाह किया. साथ ही पाकिस्‍तान ने कहा कि ‘पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करने वाले किसी भी कदम का विरोध करेगा’.

पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता डॉ. मुहम्‍मद फैजल ने कहा कि सैद्धांतिक रूप में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जनमत संग्रह होने तक जम्मू और कश्मीर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हो सकता है.

भाजपा और उसके सहयोगी दलों के एनडीए द्वारा लोकसभा चुनाव 2019 जीतने के साथ ही उन्‍हें देश में लगातार दूसरा कार्यकाल मिला है. दरअसल, भाजपा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने का संकल्प लिया था. अनुच्छेद 370 जो जम्मू-कश्मीर राज्य को स्वायत्तता का दर्जा देता है.

उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते 13 मई को ही कहा था कि कश्‍मीर में संवेदनशील स्थिति के कारण मोदी सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद-370 को नहीं हटाया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गडकरी ने हालांकि कहा कि पार्टी संविधान के इस विशेष प्रावधान को हटाने को लेकर प्रतिबद्ध है. वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि कश्मीर में रोजगार पैदा करने के लिए ज्यादा उद्योग और निवेश की जरूरत है, लेकिन अनुच्छेद 370 जमीन प्राप्त करने की राह में अड़चन है

यह पूछे जाने पर कि क्या अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर कश्मीर का संबंध भारत के अन्य हिस्सों से टूट जाएगा? गडकरी ने कहा कि पार्टी इसे समाप्त करने को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर के हालात को लेकर लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद ऐसा नहीं किया गया.

धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित क़ानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए. इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती. इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है.

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