दिल्ली एनसीआरबड़ी खबर

मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए, कोर्ट ने सांसद मनोज तिवारी को हलफनामा देने के लिए कहा

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ने के मामले में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सांसद मनोज तिवारी को एक हफ्ते में इस मामले में हलफनामा देने के लिए कहा है।  मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए, कोर्ट ने सांसद मनोज तिवारी को हलफनामा देने के लिए कहा सीलिंग तोड़ने के मामले में मनोज तिवारी की बढ़ी मुश्किलें

मंगलवार को भाजपा सांसद मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में हुए तो कोर्ट ने उनके सीलिंग पर मीडिया में दिए बयान पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आपने बयान दिया है कि 1000 संपत्तियां ऐसी हैं जो सील होनी चाहिए। आप लिस्ट दें… हम आपको सीलिंग अधिकारी बना देंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अवमानना नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए मनोज तिवारी को एक सप्ताह का समय दिया है। उनके वकील से कहा है कि जवाबी हलफ़नामा देने से पहले वे मनोज तिवारी के बयान की सीडी देखें। अब कोर्ट इस मसले पर 3 अक्टूबर को फिर सुनवाई करेगा।

 

उधर, सुनवाई के बाद सांसद मनोज तिवारी ने बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि हमारी दलीलों को न्यायालय ने बिल्कुल स्वीकार किया है। उन्होंने हलफनामा दायर करने को कहा है और हम तीन अक्टूबर को दिल्ली के दर्द को हलफनामे में दाखिल करने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, मनोज तिवारी ने कहा कि मैं बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं न्यायालय का कि हमारी बात को सुनते हुए उन सारी बातों का लिखित में प्रमाण देने की बात कही है। दिल्ली के लोगों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए जितनी बार मुझे कोर्ट आना पड़ेगा मैं आने को तैयार हूं।

यहां पर बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने इसी महीने 16 सितंबर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के ही गोकलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ दी थी।

सुप्रीम कोर्ट की बनाई मॉनिटरिंग कमिटी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट में इस बात की शिकायत की थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मनोज तिवारी पर नाराज होकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुने हुए जनप्रतिनिधि ही सीलिंग तोड़ रहे हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए मंगलवार 25 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। वहीं, मनोज तिवारी का तर्क है कि वह सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी की आड़ में एमसीडी के अधिकारी पिक एंड चूज़ कर रहे हैं और दिल्ली की जनता को परेशान कर रहे हैं। एक चुने हुए जनप्रतिनिधि और सांसद होने के नाते उनका यह कर्तव्य है कि वह कानून की रक्षा करें। इसके अलावा, 16 सितंबर सीलिंग तोड़ने के मुद्दे पर मनोज तिवारी का कहना था कि जिस मकान की सीलिंग उन्होंने तोड़ी उसमें सीलिंग लगाना सही नहीं थी। 

मालूम हो कि 17 सितंबर को दिल्ली के गोकलपुर गांव में मनोज तिवारी ने नगर निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एक डेयरी की सील तोड़ दी थी। मामले में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वेटरनरी विभाग ने सोमवार को उनके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी। साथ ही डेयरी को दोबारा सील कर दिया था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मनोज तिवारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन के वेटरनरी विभाग द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि गोकलपुर गांव में प्रेम सिंह नामक व्यक्ति की अवैध डेयरी को गत 14 सितंबर को पुलिस की मौजूदगी में सील किया गया था। अखबारों व सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि डेयरी में लगाई गई सील सांसद मनोज तिवारी द्वारा तोड़ दी गई है। शिकायत के साथ पेन ड्राइव में सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो फुटेज को भी सबूत के तौर पर दिया गया है। निगम अधिकारी ने पुलिस से मांग की है कि सील तोड़ने के दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाए।

Related Articles

Back to top button