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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम रिहा, अन्य नेताओं की रिहाई की भी उम्मीद बढ़ी

जेल में बंद मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम रविवार को जेल से रिहा हो गये और अब अन्य चर्चित राजनीतिक कैदियों की जल्द रिहाई की उम्मीद बढ़ गई है. हफ्ताभर पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में गयूम के सौतेले भाई अब्दुल्ला यामीन हार गये थे. गयूम (80) और उनके पुत्र निर्वाचित प्रतिनिधि फेरिस मौमून को माले में हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया. अब्दुल्ला यामीन की एक सप्ताह पहले हुए चुनावों में करारी शिकस्त हुई थी.

गयूम की बेटी और पूर्व विदेश मंत्री दुन्या ने रिहाई का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें आशा है कि पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद सहित अन्य राजनैतिक बंदियों की सजा को भी वापस लेकर उन्हें रिहा किया जाएगा. गयूम के घर लौटने के बाद मौमून ने माले से फोन पर बताया, ‘‘ये सभी राजनीतिक रूप से प्रेरित दोषसिद्धियां हैं और मुझे आशा है कि उन्हें भी जल्द वापस लिया जाएगा, जिससे नशीद भी घर लौटेंगे.’’

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम

देश में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति नशीद को 2015 में आतंकवाद के आरोप में 13 साल के कारावास की सजा हुई थी. उन्हें 2016 में जेल से छुट्टी ली थी और वह इलाज के लिए लंदन गये थे और तब से विदेश में ही हैं. यामीन को चुनौती देने के लिए नशीद और गयूम दोनों ने इब्राहिम मोहम्मद सोलिह का समर्थन किया था. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सोलिह ने यामीन से सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की अपील की थी.

गयूम ने 340,000 सुन्नी मुसलमानों वाले मालदीव में लगातार 30 सालों तक शासन किया था. वह 2008 में देश के पहले बहुदलीय चुनाव में हारने के बाद सत्ता से हटे थे. उन्होंने 2013 के चुनाव में अपने सौतेले भाई यामीन को जीतने में मदद की थी लेकिन बाद में दोनों भाइयों में बड़ी अनबन हो गयी.

गयूम को देश के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश के साथ यामीन की सरकार को गिराने के प्रयास के आरोप में इस साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया था. देश के ये बड़े नेता न्याय की राह में रोड़ा अटकाने के लिए 19 महीने की कैद की सजा काट रहे थे. उनपर आतंकवाद के आरोप में भी सुनवाई चल रही है.

मालदीव के एक अन्य बागी नेता कासिम इब्राहिम को भी जमानत मिली है. यामीन ने अपनी हार के शीघ्र बाद पांच अन्य राजनीतिक बंदियों को रिहा किया था लेकिन अपने भाई की रिहाई में देरी कर रहे थे क्योंकि वह उनकी पीपीएम पार्टी के नेतृत्व पर दावा कर सकते थे.

यामीन ने उथल-पुथल के पांच साल के अपने शासन के दौरान करीब-करीब अपने सभी विरोधियों को या तो सलाखों के पीछे डाल दिया था या निर्वासित कर दिया था. यामीन का शासन 17 नवंबर को समाप्त हो जाएगा और सोलिह नये राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे

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