बिहार

मुजफ्फरपुर रेप केस: तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर लगाए संगीन आरोप

मुजफ्फरपुर रेप कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को मिली फटकार के बाद विपक्ष इस मामले में बिहार सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि मुजफ्फरपुर रेप केस काफी बड़ा मुद्दा है और नीतीश कुमार इस मामले में सीधे तौर पर संलिप्त हैं. उन्होंने इस दौरान बिहार सरकार पर कई बड़े आरोप भी लगाए.

नीतीश कुमार संलिप्त!

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड में स्पष्ट और सीधे रूप से संलिप्त है क्योंकि इन्होंने टीआईएसएस की रिपोर्ट आने के दो महीनों तक ब्रजेश ठाकुर पर FIR नहीं होने दी. जेल नहीं भेजा। दबाव में भेजा तो जेल में मोबाइल समेत तमाम सुविधाएं प्रदान की. बच्चियों को गायब किया गया.

हमारी सीबीआई मांग क्यों किया खारिज

तेजस्वी यादव ने कहा कि मामला उजागर होने पर नीतीश जी ने एकदम सिरे से हमारी CBI जांच की मांग को ख़ारिज किया? उन्हें CBI जांच का डर क्यों था? जब हमने मुजफ्फरपुर बालिका गृह का दौरा कर वहां बच्चियों के साथ किए गए डरावने और अमानवीय कृत्यों को पब्लिक डोमेन में रखा तब जाकर दबाव मे केस CBI को सुपुर्द करना पड़ा.

कौन हैं पटना वाले बड़े सर!

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर से जेल में चर्चित डायरी बरामद हुई थी जिसमें “पटना वाले बड़े सर” का ज़िक्र था? क्या CBI ने खोज लिया था वह “पटना वाला बड़ा सर” कौन है? क्या CBI जांच की आंच उस “बड़े सर” के पास पहुंच गयी थी जिसके चलते आनन-फ़ानन में CBI अधिकारी का तबादला किया गया था?.

बड़े सर को बचाने के लिए तबादला

मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में CBI अधिकारी का तबादला नहीं करने के कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर, कोर्ट की अवमानना कर CBI निदेशक ने तत्कालीन अनुसंधानकर्ता एसपी का बिना कारण बताए अचानक तबादला क्या इसलिए किया गया था ताकि वो “पटना वाले बड़े साहब” को बचा सके? ऐसा क्यों किया गया?

तेजस्वी ने कहा – मामला है संदेहास्पद..

तेजस्वी यादव ने सवाल पूछते हुए कहा कि आप बताइये क्या यह मामला संदेहास्पद नहीं है? क्योंकि सीबीआई निदेशक स्तर का अधिकारी “किसी बड़े व्यक्ति” को बचाने के लिए ही कोर्ट की अवमानना करने का जोखिम उठायेगा? बाद में उस CBI अधिकारी को कोर्ट की अवमानना का दोषी क़रार कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जुर्माने के साथ सज़ा भी दी?

हरप्रीत कौर का तबादला क्यों?

तेजस्वी यादव ने सरकार से सवाल पूछते हुए ये भी कहा कि सीएम नीतीश ने केस में सीबीआई जांच में सबूत जुटा सहयोग करने वाली तत्कालीन ज़िला पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर को सम्मानित करने की बजाय उनका तबादला क्यों किया? वो केस से संबंधित सभी जानकारियां जुटा रही थी तो क्यों उन्हें मुज़फ़्फ़रपुर से आनन-फ़ानन में हटाया क्या? मुख्यमंत्री जवाब दें?

क्यों दिया गया विज्ञापन 

तेजस्वी यादव ने यह आरोप भी लगाया कि नीतीश कुमार ने आईपीआरडी मंत्री की हैसियत से ब्रजेश ठाकुर के बिना सर्कुलेशन के विभिन्न अख़बारों को लगातार वर्षों तक करोड़ों-करोड़ के विज्ञापन क्यों दिए? क्या इस दृष्टिकोण से भी सीबीआई को मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ जाँच-पड़ताल नहीं करनी चाहिए? किस आधार पर उसे अनवरत विज्ञापन दिए गए?

तेजस्वी यादव आज बिहार सरकार पर पूरी तरह हमलावर अंदाज में नजर आ रहे थे. उनके इतने आरोपों और सवालों का जेडीयू कैसे जवाब देगी यह देखने वाली बात होगी.

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