उत्तर प्रदेश

यूपी बोर्ड: बेहतर रिजल्ट के लिए विद्यार्थियों को एक बार नहीं दो बार देनी होगी प्री-बोर्ड परीक्षा

 जिले में यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षाएं देनी होंगी, वह भी एक नहीं बल्कि दो बार। जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्तविहीन स्कूलों को इसका निर्देश जारी कर दिया है। दिसंबर और जनवरी माह के पहले सप्ताह में प्री-बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करनी होंगी। 

ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बोर्ड परीक्षा से पहले हाईस्कूल व इंटर के विद्यार्थियों का अच्छी तरह से रिवीजन कराया जा सके। वैसे तो यूपी बोर्ड के स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षा संचालित कराने का ही चलन नहीं है। इन स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा और यूनिट टेस्ट ही होते हैं।

जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने यूपी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को इसे संचालित कराने का निर्देश जारी कर दिया है। इससे पहले सभी कॉलेजों को हाईस्कूल व इंटर का पाठ्यक्रम खत्म करना होगा। डीआईओएस ने बताया कि कॉलेजों को 15 नवंबर तक हाईस्कूल व इंटर का पाठ्यक्रम पूरा कराना होगा।

इसके बाद उन्हें 15 दिनों तक कोर्स का रिविजन कराना होगा। दिसंबर और जनवरी के पहले हफ्ते में प्री-बोर्ड परीक्षाएं करानी होंगी। सात फरवरी से बोर्ड परीक्षा शुरू हो जाएगी। इससे पहले परीक्षा आयोजित कर उसका विश्लेषण करना होगा।

…ताकि ज्यादा छात्र मेरिट में आ सकें

उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर उनकी समीक्षा करनी होगी। साथ ही प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी करानी होगी। पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से कक्षाएं संचालित करनी होंगी।

यह व्यवस्था केवल लखनऊ जनपद में ही लागू की जा रही है। डीआईओएस ने बताया कि यह इसलिए ताकि  बोर्ड परीक्षा में जिले के छात्रों का परीक्षा परिणाम बेहतर आ सके और ज्यादा से ज्यादा छात्र राज्य मेरिट में अपना स्थान बना सकें।

उन्होंने बताया कि कॉलेजों को इस बात का प्रचार करना होगा जो छात्र मेरिट में आएंगे उन्हें सीएम द्वारा सम्मानित किया जाएगा और एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। साथ ही उनके घर तक सड़क भी बनाई जाएगी। छात्रों को बेहतर करने के लिए हर हाल में प्रेरित किया जाएगा।

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