विदेश

राफेल डील को लेकर भारत में तो गहमागहमी का माहौल है. विपक्ष सरकार पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगा रहा है

राफेल डील को लेकर भारत में तो गहमागहमी का माहौल है. विपक्ष सरकार पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगा रहा है. लेकिन अब फ्रांस में भारत के साथ हुई इस राफेल लड़ाकू विमान की डील पर धांधली के आरोप लगे हैं. फ्रांस की एक एनजीओ ने इसे लेकर लोक अभियोजक कार्यालय में शिकायत की है.

शेरपा नामक एनजीओ ने अपनी शिकायत में कहा है ‘भारत के साथ हुए फ्रांस के 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे में जो नियम अपनाए गए, उनके बारे में स्थिति स्‍पष्‍ट की जाए.’ एनजीओ शेरपा ने अपनी शिकायत के जरिये यह भी कहा कि फ्रांस की दसॉल्‍ट एविएशन ने किस आधार पर भारती कंपनी रिलायंस को इस डील में साझेदार के रूप में चुना है, इस पर भी स्थिति स्‍पष्‍ट की जानी चाहिए.

एनजीओ शेरपा के संस्‍थापक विलियम बोर्डन का इस मामले पर कहना है कि इस डील में जो कुछ भी हुआ वो गंभीर है. शेरपा की ओर से कहा गया है कि उसकी ओर से दर्ज कराई गई यह शिकायत पूर्व मंत्री और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले एक वकील की ओर से सीबीआई में दायर शिकायत के आधार पर की गई है.  एनजीओ ने कहा है कि यह उम्मीद है कि फ्रांस का राष्ट्रीय लोक अभियोजक कार्यालय सभी तथ्यों की गंभीरता से जांच कर संभावित भ्रष्टाचार और अनुचित फायदे के बारे में पता लगाएगा.

बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 नवंबर को कहा था कि भारत फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन पर राफेल सौदे से जुड़े ऑफसेट साझेदार का ब्योरा साझा करने के लिए सिर्फ इसलिए दबाव नहीं डाल सकती है, क्योंकि विपक्ष इसके बारे में जानना चाहता है. उन्होंने कहा दसॉल्ट, भारत के साथ समझौते के तहत ऑफसेट पार्टनर का ब्यौरा साझा करने के लिए बाध्य है, लेकिन ऐसा करने के लिए एक साल का समय है. दसॉल्ट, राफेल लड़ाकू विमान सौदे में मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) है.

सीतारमण ने कहा था, ”केवल इसलिए कि कल मेरे विपक्षी इसके (ऑफसेट पार्टनर का ब्यौरा) बारे में जानना चाहते थे, मैं ओईएम पर यह कहकर दबाव नहीं डाल सकती कि विपक्ष यह चाहता है, मुझे अभी बताइए.” उन्होंने कहा, ”नियम के मुताबिक, वे मुझे अगले साल भी बता सकते हैं.” उन्होंने कहा, ”मैं इसके लिए इंतजार करूंगी. एक बार जान लूं, मैं आपको बता दूंगी. इससे पहले, खबरों के आधार पर मैं अटकलें क्यों लगाऊं?” 

इससे पहले दिल्ली बीजेपी प्रमुख और सांसद मनोज तिवारी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संबंध में विमान विनिर्माता कंपनी दसॉल्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बयान को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘मुंह पर तमाचा’ बताया था और कहा था कि एक झूठ को बार—बार बोलने से वह सच नहीं बन जाता. उन्होंने कहा था कि लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष इस बात पर यकीन करते हैं कि किसी झूठ को बार—बार बोलने से वह सच बन जाता है, लेकिन दसॉल्ट के सीईओ का बयान उनके ‘मुंह पर तमाचा’ है.

Related Articles

Back to top button