Main SlideUncategorizedउत्तर प्रदेशउत्तराखंडखबर 50जम्मू कश्मीरट्रेंडिगदिल्ली एनसीआरदेशप्रदेशबिहारबड़ी खबरमध्य प्रदेशविदेशवीडियोसाहित्य

राहुल से नहीं मिल पाए गहलोत और पायलट, सिर्फ प्रियंका से हुई मुलाकात

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट कल राहुल गांधी के घर पहुंचे थे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे मुलाकात ही नहीं की। दोनों नेताओं की सिर्फ प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात हुई।

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस का अंदरूनी संकट बढ़ गया है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं और इसे लेकर अबतक तस्वीर साफ नहीं हुई है। कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को उन्हें मनाने की भरपूर की। एक वक्त यह भी खबर आई कि उनका रुख नरम हुआ है और वह कुछ शर्तों के साथ पार्टी का नेतृत्व करते रहने के लिए राजी हो गए हैं। लेकिन सूत्रों से जो जानकारी मिली है, वह कुछ अलग की कहानी कह रही है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट कल राहुल गांधी के घर पहुंचे थे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे मुलाकात ही नहीं की। दोनों नेताओं की सिर्फ प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात हुई।

कर्नाटक का किला बचाने कांग्रेस ने भेजे ‘योद्धा’

राहुल गांधी से मुलाकात करने पहुंचे गहलोत और पायलट जिस तरह बेरंग लौटे, उससे जाहिर है कि कांग्रेस अध्यक्ष की राजस्थान के नेताओं और खासकर गहलोत के प्रति नाराजगी कम नहीं हुई है। इससे पहले, सोमवार को राहुल गांधी ने गहलोत को मुलाकात के लिए समय देने के बावजूद मुलाकात नहीं की थी। चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा के लिए पिछले दिनों बुलाई गई सीडब्लूसी मीटिंग में राहुल ने अशोक गहलोत, कमलनाथ और चिदंबरम जैसे सीनियर नेताओं पर यह कहकर नाराजगी जताई कि उन्होंने चुनाव में पार्टी से ऊपर परिवार को तरजीह दी।
मध्य प्रदेश: जीती बीजेपी, फायदा कांग्रेस को!
25 मई को सीडब्लूसी की मीटिंग में ही राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। कुछ अपुष्ट खबरों के मुताबिक गांधी फिलहाल पार्टी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अस्थायी तौर पर। वह अपने उस रुख पर कायम है कि गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति पार्टी का नेतृत्व करे। सीडब्लूसी मीटिंग में उन्होंने यही बात कही थी। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी तत्काल पद छोड़ने की जगह पार्टी नेताओं को अपने रीप्लेसमेंट के लिए कुछ समय देने के लिए राजी हो गए हैं।
बीजेपी के खिलाफ महाराष्ट्र में बनेगा महागठबंधन!
फिलहाल तो उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है कि वह अध्यक्ष पद न छोड़े। कांग्रेस ही नहीं, सहयोगी दलों के नेता भी उनसे पद न छोड़ने की गुजारिश कर रहे हैं। चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने तो आगाह किया है कि राहुल गांधी ‘बीजेपी के जाल’ मत फंसे। उन्होंने ट्वीट किया कि यह न सिर्फ कांग्रेस के लिए आत्मघाती होगा, बल्कि आरएसएस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहीं सभी सामाजिक और राजनीतिक ताकतों के लिए भी नुकसानदायक होगा। इससे पहले, डीएमके प्रमुख एम. के. स्टालिन भी कह चुके हैं कि राहुल गांधी को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।

Related Articles

Back to top button