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विश्वविद्यालय के कुलपति ने पाक सेना की खोली पोल,

पाकिस्तान में एक प्रमुख विश्वविद्यालय के कुलपति देश की शक्तिशाली सेना के खिलाफ कथित रूप से विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए निशाने पर आ गए हैं.  कुलपति ने कथित रूप से कहा था कि आतंकवादियों की सेना के शीर्ष पदों तक पहुंच है. पंजाब प्रांत के गवर्नर एवं पंजाब विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चौधरी मोहम्मद सरवर के पास एक अर्जी आयी जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति नियाज अहमद को उनकी टिप्पणी के लिए हटाने की मांग की गई है. अर्जी मोहम्मद अली नाम के एक व्यक्ति ने दी है जिसमें कहा गया है कि अहमद ने परिसर में अपने भाषण में दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना इस चुनौती का सामना कर रही है कि आतंकवादियों की उसके शीर्ष पदों तक पहुंच है.

अली ने आरोप लगाया, ‘‘एक आतंकवादी ने पाकिस्तान सेना में शीर्ष पद तक पहुंच बनायी थी. वास्तव में वह तालिबान के लिए काम कर रहा था और (2009) के स्वात अभियान के दौरान कई सैनिकों की हत्या की थी. ’’ उन्होंने यह भी कहा कि कुलपति ने यह भी दावा किया कि स्वात में सेना का एक मेजर था जो तीन से चार बार छुट्टी पर गया और प्रत्येक समय उसने अपने कनिष्ठ सैनिकों से कहा कि तालिबान और सेना के बीच बनी एक सहमति (गुप्त समझौते) के तहत वे तालिबान की गोलीबारी पर जवाबी कार्रवाई नहीं करें.

अर्जीकर्ता ने कहा कि कुलपति ने पाकिस्तानी सेना के शहीदों की वीरता की कहानियां सुनाने की बजाय एक घटना का उल्लेख किया जिसकी कोई प्रासंगिगता नहीं है. वहीं विश्वविद्यालय के प्रवक्ता खुर्रम शाहजाद ने कहा कि कुलपति का ‘‘आशय ऐसा कुछ नहीं था जो सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाये जो पाकिस्तान की सीमाओं की रक्षा कर रही है. ’’

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