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श्रीलंका के राष्ट्रपति ने क्यों किया पीएम मोदी को फोन और बताया सच्चा दोस्त, ये थी वजह

श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा उस समय विवादों के घेरे में दिखी, जब खबरें आईं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर उनकी हत्या करवाने के आरोप लगाए हैं. इन खबरों का दोनों देशों के संबंधों पर भी असर पड़ सकता था, ये खबरें और बड़ा रूप लेतीं उससे पहले ही श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पीएम मोदी को फोन किया. उन्होंने इस तरह की खबरों को गलत बताया. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को अपना सच्चा मित्र बताया. उन्होंने कहा पीएम मोदी श्रीलंका के सच्चे मित्र हैं. सिरिसेना ने कहा, दोनों देशों के बीच हमेशा से संबंध अच्छे रहे हैं. दोनों देश भविष्य में भी अपने संबंधों को मजबूत करेंगे.

इसके बाद भारत सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने भी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया और अपने बारे में मीडिया में आई खबरों को ‘पूरी तरह खारिज’ किया, जिसमें कहा गया है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ने उनकी और एक पूर्व रक्षा सचिव की हत्या का कथित तौर पर षड्यंत्र रचा है. बयान में कहा गया है, ‘राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर और श्रीलंका की सरकार ने भी इन खबरों का सार्वजनिक रूप से खंडन किया है. इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के साथ बैठक भी की.’

श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे. उनका दौरा मीडिया में आई इन विवादास्पद खबरों के बीच हो रहा है जिसमें कहा गया है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर उनकी हत्या करवाने के आरोप लगाए हैं. इस दावे को कोलंबो ने ‘‘गलत’’ बताते हुए खारिज कर दिया है. विक्रमसिंघे गुरुवार की शाम को यहां दौरे पर पहुंचेंगे और शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे.

सिरिसेना की कथित हत्या की साजिश ये था पूरा मामला…
इससे पहले खबरें आई थीं श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने भारत की गुप्तचर एजेंसी ‘रॉ’ पर अपनी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने भारत को एक अहम बंदरगाह परियोजना देने का विरोध किया है. श्रीलंका में पूर्वी टर्मिनल परियोजना सहित भारत समर्थित परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता के लिए श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की नई दिल्ली की यात्रा से पहले मीडिया में ये खबरें आईं. कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक के बाद एक मंत्रालय सूत्र के हवाले से इकोनॉमीनेक्स्ट डॉट कॉम ने यह खबर दी थी कि सिरीसेना ने गठबंधन में शामिल साझेदार दल, यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) पर अपनी और रक्षा मंत्रालय के पूर्व सचिव गोटाभाया राजपक्षे की हत्या की कथित साजिश को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है.

अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक मंत्री ने दावा किया कि राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत की विदेशी गुप्तचर एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) इस साजिश के पीछे है. कैबिनेट प्रवक्ता रजीता सेनारत्ने ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में इन खबरों को खारिज कर दिया और इसे ‘‘पूरी तरह असत्य’’ करार दिया.  उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रपति सचिवालय में कैबिनेट बैठक के दौरान चर्चा किए गए विषयों पर प्रकाशित एवं प्रसारित खबरों पर कैबिनेट मंत्रियों के प्रमुख के तौर पर राष्ट्रपति ने ध्यान दिया. इस बात पर जोर दिया गया कि वे खबरें पूरी तरह से असत्य हैं.

खबर में कहा गया था कि सिरीसेना चीन संचालित कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (सीआईसीटी) के पास टर्मिनल विकसित करने के लिए भारत को इजाजत देने के खिलाफ हैं. सिरीसेना ने इससे पहले कहा था कि दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा चीन को पहले ही पट्टे पर दिया जा चुका है. ऐसे में कोलंबो बंदरगाह में भारत को शामिल करना किसी आकस्मिक स्थिति में श्रीलंका के हित में नहीं होगा. बहरहाल, कैबिनेट प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि सिरीसेना ने भारत के साथ पूर्वी बंदरगाह टर्मिनल के विकास की परियोजना का विरोध नहीं किया है

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