बिहार

सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की तलाक की अर्जी पर गुरुवार को पटना के परिवार न्‍यायालय में सुनवाई हुई

राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की तलाक की अर्जी पर गुरुवार को पटना के परिवार न्‍यायालय में सुनवाई हुई। इसमें हाजिर होने के बाद वे घर नहीं जाकर बाहर ठहरे। तेजप्रताप शायद परिवार के दबाव से बचने के लिए घर नहीं पहुंचे हैं। इससे स्‍पष्‍ट है कि वे तलाक के अपने फैसले पर अटल हैं। दरअसल, तेजप्रताप नहीं मानेंगे, इसके संकेत पहले दिन से ही घटनाक्रम दे रहे थे। 
तलाक की अर्जी दाखिल कर घर छोड़ा
विदित हो कि बीते दो नवंबर को तेजप्रताप यादव ने पटना के फैमिली कोर्ट में पत्‍नी ऐश्‍वर्या राय से तलाक की अर्जी फाइल की। इसके बाद से परिवार में हर स्‍तर पर उन्‍हें समझाने का दौर लगातार जारी है, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े हैं। तब से वे घर से बाहर ही हैं। तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद वे काशी से लेकर ब्रज-वृंदावन तक तीर्थों में पूजा करते रहे। 

मुकदमे की पहली सुनवाई के बाद फिर गायब
गुरुवार को तलाक के मुकदमे की पहली सुनवाई के लिए लौटे भी तो घर नहीं आकर होटल में ठहरे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान हाजिर होने के बाद फिर वे पटना में रहकर भी घर से बाहर हैं। मुकदमे की सुनवाई के दौरान वे गांधी मैदान इलाके में किसी करीबी दोस्‍त के पास थे। इसके बाद उनकी घर वापसी की उम्‍मीद थी, लेकिन वे नहीं लौटे हैं। 

पटना में लगातार बदल रहे ठिकाना
बताया जाता है कि गुरुवार को कोर्ट से निकलकर तेजप्रताप बेली रोड स्थित एक होटल में गए। वहां तेज के साथ उनके कुछ दोस्त भी थे। देर शाम तक जब यह बात सार्वजनिक हो गयी तो उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया। 

वे अपने एक दोस्त के घर चले गए और वहीं रात गुजारी। यह पहला मौका है जब पटना में रहते हुए भी वे घर से दूर होटलों में वक्त गुजार रहे हैं। गुरुवार को राजद विधायकों के लिए आयोजित सामूहिक भोज में भी वे शामिल नहीं हुए। कहा जा रहा है कि मीडिया के सवालों और पारिवारिक दबाव से बचने के लिए उन्होंने ये कदम उठाए हैं। 
विधानसभा पहुंचे, कहा: घर व बाहर की लड़ाइयां अलग-अलग
पटना लौटकर भी घर नहीं जाने का तेजप्रताप का कदम बताता है कि वे अपने फैसले पर कायम हैं और किसी दबाव को झेलने के मूड में नहीं हैं। हां, वे शुक्रवार को विधानसभा जरूर पहुंचे। वहां उन्‍होंने कहा कि घर व बाहर की लड़ाइयां अलग-अलग हैं। 

पिता से मिलकर रोते हुए निकले बाहर
दरअसल, तेजप्रताप तलाक की अर्जी दाखिल करने के दिन से यह संकेत दे रहे हैं कि वे अपने फैसले पर अटल हैं। वे अर्जी दाखिल करने के अगले दिन पिता लालू प्रसाद यादव से मिलने रांची गए। बीमार लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला में सजा पाकर रांची के रिम्‍स (अस्‍पताल) में इलाज करा रहे हैं। वहां पिता-पुत्र के बीच बंद कमरे में क्‍या बात हुई, इसका तो पता नहीं चला, लेकिन वापसी के दौरान रोते तेजप्रताप को देखकर अंदाजा लग गया कि तेजप्रताप को समझाने में पिता लालू प्रसाद यादव नाकाम रहे तो लालू ने भी उनकी बात नहीं मानी। 

इस बीच मां राबड़ी देवी सहित परिवार के सभी लोग उन्‍हें फोन पर समझाने में लगे रहे, लेकिन वे घर लौटने के बदले गया होते हुए तीर्थों की ओर निकल गए। तलाक की अर्जी के बाद परिवार की नाराजगी के बावजूद जिद नहीं छोड़ने को ले तेजप्रताप का यह पहला बड़ा कदम था। 

लालू के डिप्रेशन व राजद नेता भी दिया संकेत
इससे पहले चार नवंबर को राजद के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने तेजप्रताप के जिद पर अड़े होने का संकेत दे दिया था। उन्‍होंने पीएम मोदी का उदाहरण देते हुए पूछा था कि क्‍या वे पत्नी से अलग होकर पीएम नहीं बने? इस बीच लालू प्रसाद यादव की बिगड़ी तबीयत व उनके डिप्रेशन को भी तेजप्रताप की जिद से जोड़ा गया। 

कहा: पीएम मोदी भी नहीं बदलवा सकते फैसला
तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद से काशी से ब्रज वृंदावन तक घूमने तक तेजप्रताप यादव ने मीडिया से भी बात की। उन्‍होंने इस दौरान पत्‍नी ऐश्‍वर्या से विभिन्‍न मुद्दों पर गहरे मतभेद की चर्चा करते हुए कहा कि उनका फैसला सोच-समझकर लिया तथा अटल है। अब पीएम मोदी भी आ जाएं तो वे अपना फैसला नहीं बदलने वाले। तेजप्रताप का यह दूसरा बड़ा संकेत था कि वे अपनी जिद पर अटल हैं। 

राबड़ी से मिलकर रोते हुए निकलीं ऐश्‍वर्या की मां
बीते 16 नवंबर को तेजप्रताप की जिद का बड़ा संकेत तब मिला, जब ऐश्वर्या राय की मां पूर्णिमा राय राबड़ी देवी से मुलाकात करने उनके सरकारी आवास पर गईं। वहां मुलाकात के बाद पूर्णिमा राय रोते हुए निकलीं। इससे यह स्‍पष्‍ट संकेत मिला कि बात अभी तक नहीं बनी है। 

दिल्‍ली में राबड़ी-तेजस्‍वी से भी नहीं बनी बात
इसके बाद भाई मां राबड़ी देवी व भाई तेजस्‍वी यादव रेल टेंडर घोटाला में सुनवाई के सिलसिले में दिल्‍ली गए। वहां तेजप्रताप को मां व भाई से मुलाकात करनी थी। मां राबड़ी देवी से मिलने 22 नवंबर को तेजप्रताप आए या नहीं, इसका तो पता नहीं, लेकिन दोनों में बात जरूर हुई। यहां भी बात नहीं बनी। 

तेजस्वी यादव ने दिल्‍ली में कई दिनों तक डेरा डालकर तेजप्रताप को समझाने की कोशिश की, पर नाकामयाब ही रहे। तेजस्‍वी ने दिल्‍ली में अपने जन्‍मदिन पर भी उन्‍हें बुलाया, लेकिन वे नहीं पहुंचे। इससे भी स्‍पष्‍ट संकेत मिला कि तेजप्रताप जिद नहीं छोड़ने वाले। 
सोशल मीडिया पर पोस्‍ट डाल फिर कही अपनी बात
आगे यह अफवाह उड़ी कि तेजप्रताप कार्तिक पूर्णिमा के बाद पटना लौटकर तलाक की अर्जी वापस लेंगे। लेकिन 22 नवंबर को उन्‍होंने सोशल मीडिया पर ‘टूटे पर ना जुटे, जुटे गांठ परि जाय’ वाला पोस्‍ट डालकर एक बार फिर अपना रूख स्‍पष्‍ट कर दिया। रहीम कवि के दोहे से लिए गए इस अंश से स्‍पष्‍ट है कि वे अब किसी गांठ वाले संबंध को स्‍वीकार करने नहीं जा रहे। 

बड़ा सवाल: क्‍या परिवार ने भी खड़े किए हाथ!
इस मामले में मंगलवार को तेजस्वी यादव ने कहा कि तेजप्रताप व ऐश्‍वर्या देानों बालिग हैं, उन्‍हें यह पता है कि क्‍या करना है। उन्‍होंने कहा कि मामला कोर्ट में है। तेजस्‍वी के इस जवाब से यह संकेत मिला कि लालू परिवार ने भी इस मामले पर हाथ खड़े कर दिए हैं। हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा कि यह निजी मामला है, जिसे पारिवारिक स्‍तर पर सुलझा लिया जाएगा। तेजप्रताप के तलाक मामले की सुनवाई के दौरान भी परिवार का कोई सदस्‍य नहीं दिखा। हां, उनके कुछ साथी भी मौजूद रहे। 

…और जिद पर अड़े रहने के ये रहे अंतिम बड़े संकेत
तेजप्रताप-ऐश्वर्या तलाक मामले में गुरुवार को सुनवाई के पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि शायद तेजप्रताप मान जाएं। लेकिन वे मुकदमे में दिल्‍ली के बड़े वकील अमित खेमका के साथ पहुंचे। दिल्‍ली के वकील के साथ आना तथा पटना में घर नहीं जाकर होटल में ठहरना तेजप्रताप के रूख के अंतिम बड़े संकेत थे। अगर मुकदमा वापस लेना था तो दिल्‍ली के वकील की जरूरत नहीं थी। इस मामले में परिवार का दबाव नहीं पड़े, इसलिए वे घर से दूर ही रहे। सुनवाई के बाद भी उन्‍होंने दो टूक कहा कि वे अपने तलाक की अर्जी वापस नहीं लेने जा रहे हैं।

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