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(11 अक्टूबर) एक स्थानीय अदालत ने सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

 पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार ब्रह्मोस एयरोस्पेस के इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गुरुवार (11 अक्टूबर) एक स्थानीय अदालत ने सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. विशेष मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु दयाल श्रीवास्तव ने इंस्पेक्टर पंकज अवस्थी द्वारा दाखिल अर्जी पर निशांत को रिमांड पर भेजने का आदेश जारी किया. यह रिमांड अवधि 11 अक्टूबर रात नौ बजे से शुरू होगी. 

प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने निशांत से उसके सहयोगियों के बारे में पूछताछ करने के लिए उसे रिमांड पर लेने की मांग की थी.  दूसरी ओर, निशांत के वकील ने रिमांड की अवधि का यह कहते हुए विरोध किया कि उनका मुवक्किल एक युवा वैज्ञानिक है और उसे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि निशांत के लैपटॉप से पाई गई सूचनाएं गोपनीय और प्रतिबंधित किस्म की हैं. अदालत ने निशांत द्वारा फेसबुक पर उन आईडी से बातचीत करने के मामले को भी संज्ञान में लिया, जिनका संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा था. 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने आठ अक्टूबर को नागपुर स्थित ब्राह्मोस एयरोस्पेस इकाई के एक इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान को गुप्त सूचनाएं लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी को निशांत के निजी कंप्यूटर से सुरक्षा के कुछ गुप्त दस्तावेज मिले हैं. आरोप है कि निशांत आईएसआई के लिए काम करता था. वह अमेरिका को भी सूचनाएं लीक करता था.

यूपी आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के आईजी असीम अरुण ने बताया कि यूपी और महाराष्ट्र के एटीएस के एक संयुक्त अभियान में ब्राह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से निशांत अग्रवाल को गिर‍फ्तार किया गया. निशांत के मकान मालिक मनोहर काले ने बताया कि यह इंजीनियर वर्धा रोड पर पिछले वर्ष से किराये के मकान में रह रहा था. निशांत अग्रवाल रुड़की का रहने वाला था और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. और वह नागपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था. जांच एजेंसी ने निशांत के घर से लैपटॉप समेत कई दस्तावेजों को बरामद कर उन्हें सील कर दिया गया. निशांत से पूछताछ जारी है.  

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