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80 हजार क्यूसेक पर जलबहाव आते ही हथनी कुंड बैराज पर पानी खतरे के निशान पर पहुंच जाता है।

पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में लगातार हो रही बारिश के चलते हरियाणा के यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर बढ़ गया है। यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार सुबह छह बजे भी हथिनी कुंड बैराज से यमुना में 28253 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सोमवार शाम साढ़े सात बजे हथिनीकुंड का जलस्तर दो लाख क्यूसेक पहुंच गया था। बैराज से लागातर पानी छोड़े जाने से यमुना के सीमावर्ती इलाकों में फिर से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 80 हजार क्यूसेक पर जलबहाव आते ही हथनी कुंड बैराज पर पानी खतरे के निशान पर पहुंच जाता है।दिल्ली से फिलहाल जो तस्वीरें सामने आ रहीं हैं उसमे यमुना का जलस्तर 206 मीटर पार पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। ऐसे में लोगों ने अपने घर खाली करने शुरू कर दिए हैं और ऊंचे स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है। यमुना में फिर जलस्तर बढ़ने से रेलवे का निर्माणाधीन पुल भी जलमग्न हो गया है। माना जा रहा है कि शाम तक या फिर देर रात तक यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा।

 

 

वहीं, हरियाणा में भी प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया। नहरों की आपूर्ति भी बंद कर दी है। यमुना के आसपास के गांवों में मुनियादी करा दी गई कि है कि कोई भी व्यक्ति यमुना किनारे पानी के पास न जाए, जल स्तर बढ़ रहा है।

यमुना में फिर पानी बढ़ने से बाढ़ का खतरा

यहां पर बता दें कि तीन दिन से लगातार बरसात हो रही है। खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में भी भारी बरसात हुई है। इसकी वजह से पहाड़ों से पानी नदियों में आ गया, जिससे हथिनी कुंड का जलस्तर भी बढ़ने लगा। इस वजह से हथिनी कुंड बैराज से लगातार यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है।

इस वजह से यमुना में हर घंटे जल स्तर बढ़ रहा है। जलबहाव खतरे के निशान से ऊपर होते ही दिल्ली व हरियाणा समेत सीमावर्ती इलाकों में प्रशासन भी अलर्ट हो गया। प्रशासन की ओर से यमुना से जुड़ी सभी नहरों की सप्लाई रोक दी गई है।

बता दें कि हथनी कुंड पर जलबहाव 80 हजार आते ही खतरा बढ़ जाता है। 80 हजार क्यूसेक पर जलबहाव आते ही हथनी कुंड बैराज पर पानी खतरे के निशान पर पहुंच जाता है। इसके बाद प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया जाता है।

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