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BJP का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए

मध्य प्रदेश की राजधानी से सटी होशंगाबाद विधानसभा सीट के राजनीतिक गलियारे इस कड़ाके की ठंड में भी काफी गरमाई हुई है. दरअसल, इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह कभी बीजेपी का हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से टिकट न मिलने के कारण वह कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस ने भी मौके को लपकते हुए सरताज सिंह को होशंगाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने इस सीट से डॉ सीता शरण शर्मा को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित किया है जिसके चलते होशंगाबाद सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. बता दें टिकट वितरण से पहले ही टिकट न मिलने की आशंका पर 77 साल के नेता सरताज सिंह ने कहा था कि वह किसी भी कीमत पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

होशंगाबाद विधानसभा सीट

होशंगाबाद विधानसभा में दो बड़े शहर होशंगाबाद और इटारसी के साथ ही 54 गांव भी आते हैं. होशंगाबाद मध्य प्रदेश के उन विधानसभा क्षेत्रों में से एक है जिसमें काफी तेजी से विकास हुआ है. कृषि से लेकर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में होशंगाबाद में काफी विकास हुआ है. इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण यहां के लोगों को रोजगार में भी काफी लाभ हुआ है.

कितने प्रत्याशी मैदान में ?
बता दें होशंगाबाद विधानसभा से इस बार 14 प्रत्याशी मैदान में हैं. जिनमें भाजपा से डॉ सीताशरण शर्मा और कांग्रेस से सरताज सिंह के अलावा इस सीट पर सपाक्स, आम आदमी पार्टी, हिंदू महासभा, बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं. हालांकि इस सीट में मुकाबला विधायक सीताशरण शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह के बीच ही माना जा रहा है. बता दें हिंदू महासभा ने यहां किन्नर पंक्षी देशमुख को प्रत्याशी घोषित किया है. होशंगाबाद में यह दूसरी बार है जब कोई किन्नर चुनावी मैदान में है.
 

जातिगत समीकरण

2 लाख 26 हजार मतदाताओं वाली इस विधानसभा पर जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां ब्राम्हण और कुरमी समाज के लोगों का काफी दबदबा है. कुरमी समाज की बात की जाए तो यहां 55 हजार से कुरमी मतदाता हैं और करीब 60 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं.

अटलजी की सरकार में मंत्री रहे नेता ने कहा, यदि टिकट नहीं मिला तो भी लड़ेंगे चुनाव

क्यों महत्वपूर्ण

होशंगाबाद विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और भाजपा के दो दिग्गज मैदान में हैं. जहां एक ओर डॉ सीताशरण शर्मा इस सीट पर अपना वर्चस्व बनाए हुए थे तो वहीं भाजपा के टिकट न देने से नाराज कांग्रेस में शामिल हुए मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता सरताज सिंह भी इसी सीट से चुनावी मैदान में खड़े हैं. जिसके चलते इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला बेहद टक्कर का दिख रहा है. 

भाजपा ने मेरे साथ अन्याय किया- सरताज सिंह

बता दें सरताज सिंह भाजपा से विधानसभा टिकट न मिलने से वह भाजपा से काफी नाराज थे. जिसके बाद कांग्रेस में शामिल होते ही भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि ‘यह न्याय और अन्याय के बीच की लड़ाई है. सब जानते हैं कि भाजपा ने मेरे साथ क्या किया है. अगर इन सब के बाद भी मैं अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज न उठाता तो यह ठीक नहीं होता.’ 

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