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किराये की संपत्ति के लिए होम लोन लिया, तो नए स्लैब में मिलेगी कर छूट

सरकार ने बजट 2020 में होम लोन के ब्याज पर कर छूट का नया प्रावधान किया है। इसके तहत अगर करदाता उस मकान में रह रहा है, तो होम लोन के ब्याज पर कोई टैक्स छूट नहीं दी जाएगी।

करदाताओं के लिए टैक्स छूट पाने के सबसे पसंदीदा विकल्प होम लोन पर नए बजट में यह सुविधा खत्म कर दी गई है। सरकार ने बजट 2020 में होम लोन के ब्याज पर कर छूट का नया प्रावधान किया है। इसके तहत अगर करदाता उस मकान में रह रहा है, तो होम लोन के ब्याज पर कोई टैक्स छूट नहीं दी जाएगी।

हालांकि, जिन करदाताओं ने अपनी संपत्ति को किराये पर दे रखा है, उन्हें इसके होम लोन के लिए दिए जा रहे ब्याज पर टैक्स छूट पाने का अधिकार होगा। करदाता आयकर कानून की धारा 24(बी) के तहत छूट का दावा पेश कर सकते हैं।

ऐसे करें कर छूट की गणना

करदाता ने अगर अपनी संपत्ति को किराये पर दे रखा है तो उससे होने वाली आय के आधार पर संबंधित संपत्ति के होम लोन के ब्याज पर कर छूट की गणना की जाती है। ऐसे मकान मालिक संपत्ति से मिलने वाले वास्तविक किराये की 30 फीसदी राशि के बराबर स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी कर छूट का दावा पेश कर सकते हैं।

वास्तविक किराये की गणना किसी वित्त वर्ष में मिले कुल किराये में से उस वित्त वर्ष में दिए गए निगम कर को घटाकर की जाती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन और होम लोन के ब्याज की राशि को संपत्ति से मिलने वाले कुल किराये से घटाने के बाद जो राशि बचेगी, उसे ही करदाता की वास्तविक आय माना जाएगा और इसी पर कर देयता की गणना होगी।

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