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चालू वित्त वर्ष में 10.5% पर रह सकती है आर्थिक विकास दर, RBI ने पूर्व अनुमान को रखा बरकरार

नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर के 10.5 फीसद पर रहने के अपने पूर्व के अनुमान को बनाए रखा है। एमपीसी की द्विमासिक बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह ऐलान किया। उन्होंने कहा, ”वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 फीसद पर बरकरार रख गया है। पहली तिमाही में 26.2 फीसद, दूसरी तिमाही में 8.3 फीसद, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसद और चौथी तिमाही में 6.2 फीसद की आर्थिक वृद्धि का अनुमान है।”

आरबीआई की एमपीसी ने बुधवार को नीतिगत ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करने और नीतिगत रुख को उदार बनाए रखने की घोषणा की। केंद्रीय बैंक की यह द्विमासिक बैठक ऐसे समय में हुई जब देशभर में कोरोनावायरस के मामलों में एक बार फिर से जबरदस्त वृद्धि की वजह से विकास दर में वृद्धि को लेकर एक बार अनिश्चितता की स्थित पैदा हो गई है।

आरबीआई गवर्नर ने अपने बयान में कहा कि वैश्विक वृद्धि दर धीरे-धीरे सुस्ती की चपेट से बाहर निकल रही है लेकिन अलग-अलग देशों में यह भिन्न-भिन्न है। दुनियाभर में वैक्सीनेशन अभियान, उदार मौद्रिक नीति और प्रोत्साहन उपायों से इसे बल मिल रहा है।

दास ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था में वायरस के प्रसार को रोकने के साथ इकोनॉमिक रिवाइवल पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2021-22 में निवेश पर आधार उपायों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। साथ ही अधिक पूंजीगत आवंटन किए गए हैं। इसके अलावा प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम का विस्तार किया गया है।

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