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तमिलों का है सदियों पुराना रिश्ता है सिंगापुर से जानिए इनके राज़ .

सिंगापुर के सूचना व संचार मंत्री एस इश्‍वरन ने इंडियन हेरिटेज सेंटर में इस पुस्‍तक का विमोचन शनिवार को किया। पुस्‍तक का शीर्षक ‘From Sojourners To Settlers – Tamils in Southeast Asia and Singapore’ है। दक्षिण पूर्व एशिया और सिंगापुर में तमिल के इतिहास व वसीयत के अनजाने पहलुओं पर इस पुस्‍तक में प्रकाश डाला गया है।

इस पुस्‍तक में योगदान देने वाले शोधकर्ता लैन सिनक्‍लेयर ने हाल में ही सिंगापुर के पत्‍थर के एक हिस्‍से पर उकेरे गए शब्‍द ‘केसारिवा’ की पहचान की। उन्‍होंने आगे कहा कि यह शब्‍द ‘पाराकेसारिवारमन’ का हिस्‍सा हो सकता है। इसका इस्‍तेमाल चोल वंश के राजाओं द्वारा किया जाता था। यह वंश दक्षिण भारत के तमिल राजवंश और इतिहास का हिस्‍सा है जिसने सबसे लंबे समय तक शासन किया।

इश्‍वरन के अनुसार, तमिल मुस्‍लिमों ने सिंगापुर में प्रेस की शुरुआत की। वहीं 19वीं सदी में यूरोपीयन बैंकों की शुरुआत से पहले दक्षिण भारतीय चेट्टियार समुदाय सहित भारतीय व्यापारियों और साहूकार वहां के लिए क्रेडिट और बैंकिंग का स्रोत बने। सिंगापुर के चार आधिकारिक भाषाओं में से एक तमिल है।

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