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दिनेश शर्मा बोले किस्तों में ले फीस दबाव बनाया तो होगी कार्रवाई

कोरोना आपदा के कारण हुए लॉकडाउन में जहां 9 जिलों के जिलाधिकारियों ने जबरन फीस वसूली पर सख्त आदेश देकर अभिभावकों को राहत दी थी. वहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने सूबे में इस आदेश को लागू करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए हैं. डॉ शर्मा ने स्कूल संचालकों की राहें भी आसान की हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 90 फीसदी स्कूल वित्तविहीन हैं, जो स्कूल की फीस से चलते हैं. स्टाफ की सैलरी भी बच्चों से लिए जाने वाले शुल्क से निकलती है. ऐसे में स्कूलों को चाहिए कि अभिभावकों से किस्तों में फीस ले. वहीं, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में अप्रैल और मई की फीस के लिए अभिभावकों पर स्कूल दबाव न बनाएं.

अभिभावक फीस देने में सक्षम हैं तो वह फीस जरूर दें लेकिन स्कूल जबरन फीस न वसूलें.डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि हम एक दो दिन में स्कूल स्टाफ की सैलरी को लेकर भी उचित निर्णय लेंगे, जिससे स्टाफ को भी आर्थिक संकट से ना जूझना पड़े. वहीं, जो स्कूल यह आदेश नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाएगी. इसके साथ ही किस्तों में फीस का अधिकार स्कूल ही तय करेंगे. बताते चलें कि इससे पहले रविवार को लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने रविवार को इस बाबत आदेश जारी किए थे.निजी स्कूल द्वारा जबरन फीस वसूली को लेकर इससे पहले बनारस, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, आजमगढ़, फतेहपुर, गोरखपुर, आगरा झांसी, गाज़ियाबाद व राजधानी लखनऊ सहित दूसरे जनपदों के जिलाधिकारियों ने निजी स्कूलों पर अप्रैल, मई और जून की जबरन फीस वसूलने पर कार्रवाही के भी आदेश दिए

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