Main Slideदेशबड़ी खबर

अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट में आज पूरी हो सकती है सुनवाई

c सुनवाई के आखिरी दिन प्रधान न्यायाधीश ने शुरुआती 45 मिनट हिंदू पक्ष को और इसके बाद एक घंटा मुस्लिम पक्ष को आवंटित किया है। इसके बाद 45 मिनट के चार स्लॉट मामले में शामिल विभिन्न पक्षों के लिए निर्धारित किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के 39वें दिन हिंदू पक्ष ने अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट की पीठ से ‘ऐतिहासिक गलती’ को सुधारने का आग्रह किया, जहां एक विदेशी विजेता ने भगवान राम के जन्म स्थान पर मस्जिद का निर्माण किया।

रामलला विराजमान की तरफ से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील के.परासरन ने पीठ के समक्ष कहा कि एक विदेशी विजेता भारत आकर यह नहीं कह सकता कि मैं सम्राट बाबर हूं और मैं ही कानून हूं..हिंदुओं का ऐसा कोई उदाहरण नहीं जो अपने क्षेत्र से विजेता बनने के लिए बाहर गया हो, हालांकि हमारे पास शक्तिशाली शासक थे। यह सुनवाई में बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने फिर से जोर देते हुए कहा कि मुस्लिम कहीं भी नामज अता कर सकते हैं, क्योंकि अयोध्या में 55 से 60 मस्जिदें हैं। लेकिन हिंदुओं के लिए यह भगवान राम का जन्मस्थान है और कोई समुदाय इसे बदल नहीं सकता।
परासरन ने बताया कि मुस्लिमों के लिए यह एक ऐतिहासिक मस्जिद है और उनके लिए सभी मस्जिदें समान हैं। लेकिन हिंदुओं के लिए यह भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है, और इसके लिए वे सदियों से लड़ रहे हैं। सुनवाई के 39वें दिन परासरन ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील पर कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद रहती है, पर उन्होंने तर्क दिया कि एक मंदिर बनने के बाद हमेशा एक मंदिर ही रहता है। इस पर न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे ने उनसे पूछा कि वह विशेष इमारत मस्जिद है, क्या किया जा सकता है अगर यह अस्तित्व में है तो? परासरन ने पीठ से मुद्दे की जांच हिंदू कानून व अंग्रेजी कानून के पहलू से करने को कहा।

न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ ने उनसे खास तौर से संरचना के अस्तित्व व गैर-अस्तित्व को लेकर अधिकार के कानूनी पहलू पर सवाल किया। परासरन ने दावा किया कि मुसलमानों ने प्रतिकूल कब्जे के माध्यम से विवादित स्थल के अधिकार की रक्षा की। पीठ के इन सवालों के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन की चुटकी ली। न्यायमूर्ति गोगोई ने अधिवक्ताओं के साथ हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि डॉ. धवन..क्या अब आप मानते हैं कि हम उनसे पर्याप्त सवाल पूछ रहे हैं? बीते रोज आपने कहा कि हम उनसे कुछ भी नहीं पूछते।

Related Articles

Back to top button