उत्तर प्रदेश

Road Accident Analysis साफ मौसम में 17111 हादसे 8970 लोगों ने गंवाई अपनी जान…

Road Accident Analysis:आमतौर पर धारणा होती है कि सर्दी के मौसम में फॉग होने और बरसात में फिसलन की वजह से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन हकीकत में यह सही नहीं है। साफ और चमकते सूरज वाले सनी वेदर में न केवल सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं बल्कि सबसे अधिक लोगों की जान भी इसी मौसम में हादसों के दौरान जाती है।

मौसम को लेकर होने वाले हादसों का जो आंकड़ा संग्रह किया गया वह चौंकाने वाला है। वर्ष 2018 में सूबे में एकत्र की गई हादसों की संख्या तस्दीक करती हैं कि इनमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं साफ मौसम में ही हुई हैं। बिल्कुल साफ मौसम में 17,111 हादसे हुए और इनमें 8,970 लोगों ने अपनी जान गंवाई। तकरीबन 40.2 प्रतिशत हादसे अकेले बेहतर मौसम में ही दर्ज किए गए हैं। वहीं बरसात और फॉग के मौसम में यह संख्या करीब आधी है।

तुलनात्मक आंकड़ा

मौसम-हादसे-मौत-घायल-प्रतिशत

सनी वेदर-17,111-8,970-11,647-40.2

रेनी सीजन बरसात- 6,357-3,280-4,705-14.9

फॉग या मिस्टी सीजन-6,933-3,624-4,785-16.3

हेल अथवा स्लीट ओला के साथ बारिश-2,172-1,102-1,545-5.1

अन्य कारण-9,985-5,280-6,982-23.5

कुल-42,568- 22,256-29,664

क्या कहते हैं आरटीओ मुख्यालय ?

आरटीओ मुख्यालय संजय नाथ झा के मुताबिक, यह सही है कि साफ मौसम में ही हादसे सबसे ज्यादा होते हैं। वजह सूर्य की रोशनी में दूर तक विजिबिल्टी साफ होने के कारण लोग सफर में लापरवाह हो जाते हैं। वाहनों की गति चालक बढ़ाते जाते हैं और सतर्कता कम होती जाती है। नतीजा हादसों के रूप में सामने आता है। वहीं बरसात और सर्दी में फॉग के दिनों में लोग ज्यादा सतर्क रहते हैं। साथ ही गति भी नियंत्रित रहती है।

क्या कहते हैं उप परिवहन आयुक्त? 

उप परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी के मुताबिक, तीनों सीजन में दुर्घटनाओं के लिहाज से सनी वेदर में सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। इस मौसम में लोगों को ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है।

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